केंद्र सरकार जल्द ही देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक नई टोल वसूली व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार, यह नई नीति आगामी एक या दो सप्ताह में प्रभाव में आ सकती है। इसका मकसद मौजूदा टोल प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सुलभ और किफायती बनाना है।
सिर्फ तय की गई दूरी के लिए देना होगा टोल
इस नई नीति की सबसे अहम विशेषता यह है कि अब वाहन चालकों को केवल उतने ही किलोमीटर के लिए टोल देना होगा, जितनी दूरी उन्होंने हाईवे पर तय की है। उदाहरण के लिए, यदि कोई वाहन चालक केवल 10 किलोमीटर तक हाईवे का उपयोग करता है, तो उसी अनुपात में टोल शुल्क लिया जाएगा। इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जो कम दूरी की यात्रा के बावजूद पूरे टोल स्लैब का भुगतान करने के लिए विवश होते थे।
फास्टैग और कैमरा तकनीक से होगी टोल वसूली
नई व्यवस्था में हर टोल प्लाजा पर अत्याधुनिक कैमरे लगाए जाएंगे जो वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे। इसके साथ ही, फास्टैग के जरिए वाहन मालिक के बैंक खाते से टोल की राशि स्वतः कट जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) और फास्टैग के समन्वय से संचालित होगी। इस तकनीक से न केवल टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ और जाम से निजात मिलेगी, बल्कि टोल चोरी और अनियमितताओं पर भी अंकुश लगेगा।
यात्रा होगी अधिक सुगम और पारदर्शी
नई टोल नीति मौजूदा व्यवस्था की तुलना में अधिक ग्राहक केंद्रित और पारदर्शी होगी। नकद लेन-देन की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी और टोल सीधे बैंक खाते से कटने के कारण विवाद की आशंका भी नहीं रहेगी। बार-बार रुकने की जरूरत न होने से यात्रा में समय और ईंधन दोनों की बचत होगी। यह पहल देशभर में सफर को अधिक सहज, तेज़ और किफायती बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।