समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि पीडीए (पीड़ित, दलित, वंचित और गरीब) कोई महज राजनीतिक गठबंधन नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक जुड़ाव है। उन्होंने कहा कि अब इसमें पसमांदा समाज की भी भागीदारी हो गई है, जिससे यह गठबंधन और व्यापक हो गया है। यादव ने स्पष्ट किया कि ‘पी’ का एक अर्थ पसमांदा भी है।
अखिलेश यादव मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पंचायत चुनावों की तैयारियों पर कहा कि समाजवादी पार्टी पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा उनके वोट बैंक को कमजोर करने की कोशिश में लगी है, लेकिन अब जनता भाजपा की रणनीति को समझ चुकी है।
जाति जनगणना को लेकर यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो सरकार अब तक कोई ठोस कार्य नहीं कर सकी, वह जाति जनगणना जैसे गंभीर काम को कैसे अंजाम देगी।
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों की हालत दयनीय है। उन्होंने हाल ही में घोषित NEET परिणाम का हवाला देते हुए कहा कि जब अस्पतालों और कॉलेजों में स्टाफ की भारी कमी है, तो अच्छे डॉक्टर कैसे तैयार होंगे। सुल्तानपुर की घटना का ज़िक्र करते हुए उन्होंने बताया कि एक मरीज के सही हाथ में प्लास्टर चढ़ा दिया गया, जबकि फैक्चर दूसरे हाथ में था। पिछले 10 वर्षों में डॉक्टरों की लापरवाही से कई मरीजों की जान जा चुकी है।
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार बजट में बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन हकीकत यह है कि सरकारी प्राथमिक स्कूलों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। इससे गरीब तबके के बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा की स्थिति भी कुछ अलग नहीं है।