देश के कई हिस्से इन दिनों मानसून की मार झेल रहे हैं, लेकिन सबसे गंभीर स्थिति हिमाचल प्रदेश में बनी हुई है। राज्य में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं से अब तक लगभग 800 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां कई क्षेत्रों में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
मंडी में बादल फटने की दो घटनाएं, 4 की मौत
जिले के करसोग और धर्मपुर क्षेत्रों में बादल फटने से चार लोगों की जान चली गई है, जबकि 16 लोग अभी भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है और अब तक 117 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। बारिश के कारण नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे कई सड़कें, पुल और पुलियाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। कई स्थानों पर भूस्खलन से मार्ग बंद हो गए हैं।
घरों और मवेशियों को भी भारी नुकसान
तेज बारिश और बाढ़ जैसे हालातों के चलते 18 मकानों को क्षति पहुंची है, वहीं करीब 12 गोशालाएं और 30 मवेशी तेज बहाव में बह गए हैं। गोहर क्षेत्र में बादल फटने की चार घटनाएं हुईं, जिनमें दो घर पूरी तरह जलप्रवाह में समा गए। धर्मपुर में भी छह मकान पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं।
भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित, रेड अलर्ट जारी
प्रदेश में जून माह में सामान्य से 37 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने आगामी 6 जुलाई तक भारी वर्षा की संभावना जताई है और मंगलवार को फिर से राज्य के कुछ हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन लोगों से सतर्क रहने, सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने और नदियों-नालों से दूरी बनाए रखने की अपील कर रहा है।
मंडी बना तबाही का केंद्र
मंडी जिला फिलहाल मानसून के कहर का केंद्र बना हुआ है। यहां न केवल जानमाल का बड़ा नुकसान हुआ है, बल्कि राहत कार्यों के लिए प्रशासन को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें हालात पर नजर बनाए हुए हैं।