आवाज़ दो हम एक हैं !

22 अप्रैल को पहलगाम में मुल्ला मुनीर की गुस्ताखी की सजा देने को भारत की थल, जल, नभ सेनायें परम्परागत शौर्य एवं बलिदानी भावना के साथ मैदान में उत्तर चुकी है। पाकिस्तान द्वारा पोषित-संरक्षित व आतंकी ठिकानों और 100 से अधिक आतंकियों को ढेर करने के साथ ही पाकिस्तान के सभी हमलों को विफल करते हुए हमारी वायुसेना ने उसके जंगी जहाजों व 50 से अधिक ड्रोन मार गिराए हैं। झुंझलाया खौफजदा पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर नागरिक ठिकानों, बस्तियों, बाजारों, पशुशालाओं पर गोलाबाजी करने की हैवानियत पर उतर आया है किन्तु भारतीय सेना इसका मुंहतोड़ जवाब दे रही है।

पाकिस्तान की करतूतों भारत की कोशिशों का सबूत मांगने वाले अब एक स्वर से सेना तथा भारत सरकार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को समर्थन-सहयोग देने की बात करने लगे हैं। सर्वदलीय बैठक में किसी ने सवाल खड़ा नहीं किया, यह शुभ संकेत है (भले ही अस्थायी हो, क्योंकि इनका देशप्रेम पिटने और हमला होने पर ही जाग्रत होता है)।

यह देश का दुर्भाग्य है कि भारत में कथित बुद्धिजीवियों की ऐसी जमात तैयार हो गई है जो देश के शत्रुओं या हमलावरों के पक्ष में उठ खड़े होते हैं। ऑपरेशन सिन्दूर का स्वागत करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- पाकिस्तान मुर्दाबाद, हिन्दुस्तान जिन्दाबाद। इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के मुखिया मौलाना तौकीर रजा कहते हैं- यह पूरा इलाज नहीं है। दहशतगर्दों के आकाओं को भी सबक सिखाओ। आल इंडिया मुस्लिम जमात के प्रधान मौलाना शहाबुद्दीन रिज़वी कहते हैं कि ऑपरेशन सिन्दूर से भारत के मुसलमान भी खुश हैं और राहुल गांधी के चहेते सांसद इमरान मसूद कहते हैं कि मोदी बतायें पाकिस्तान को कितना नुकसान पहुंचा, कितने आतंकी मरे हैं। राशिद अल्वी प्रधानमंत्री से पूछते हैं कि क्या आपने हर आतंकी को चुन-चुन कर मार दिया? कांग्रेस नेता उदितराज कहता है कि सिन्दूर का ताल्लुक तो हिन्दुओं से है, तो यह नाम क्यों रखा? कांग्रेसी महुआ मांझी कहती है- सिन्दूर तो हिन्दू नाम है, यह क्यों रखा? चन्नी कहता है कि पहलगाम की करतूत में पाकिस्तान का हाथ है, सरकार इसका सबूत पेश करे। रवीश कुमार के भौंकने पर लिखना हिमाकत, उसे छोड़ते हैं।

पाकिस्तानी हमला होने पर विपक्षी नेताओं का स्वर एकाएक बद‌ल गया। शायद उन्हें पाकिस्तान से अस्थायी स्टे आर्डर मिल गया हो किन्तु भारत में चूहों की तरह बिलों में घुसे उसके पिट्ठुओं के चेहरे भी अनायास सामने आ गए। ऑपरेशन ‌सिन्दूर की ख़बर आते ही असम में छिपे 54 लोग सामने आ गए। इन्होंने भारतीय सेना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कोसना, गलियां देना शुरू कर दिया। शोणितपुर जिले का साजिद और गोलापार का रोजन कल ही गिरफ्तार किया गया। कानपुर जिले के थाना सचेंडी चकरपुर की पुलिस कुरैशी शाबास की आईडी वाले शख्स की तलाश में जुटी है जिसने इंस्टाग्राम पर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भड़काऊ पोस्ट डाली है।

इसी प्रकार ऑपरेशन सिन्दूर का समाचार व उसकी प्रशंसा सुनकर कस्बा पुवायां जिला शाहजहांपुर निवासी मोहिद इतना आगबबूला हुआ कि हिन्दुस्तान जिन्दाबाद‌ का नारा लगाने वाले सुरजीत पर छुरा लेकर टूट पड़ा। लोगों ने सुरजीत की रक्षा करते हुए हमलावर मोहिद खान को पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया।

सीमापार और देश के भीतर की ये घटनायें हमें एक और सेफ रहने के लिए प्रेरित करती है।

गोविन्द वर्मा
संपादक ‘देहात’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here