बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के 11वें दीक्षांत समारोह में रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोधकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान की 136 वर्षों की निरंतर साधना पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि यहां के वैज्ञानिक मूक पशुओं के लिए स्वर बनते हैं और उनका अनुसंधान समाज को नई दिशा प्रदान करता है। इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में उत्कृष्ट विद्यार्थियों को पदक और डिग्रियाँ प्रदान कीं।
मुख्यमंत्री योगी ने बरेली को भारत की प्राचीन सांस्कृतिक और आध्यात्मिक नगरी बताया। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से पांचाल देश के रूप में जाना जाता रहा है। बरेली के सात प्राचीन नाथ मंदिर—बाबा अलखनाथ, वनखंडीनाथ, त्रिवटीनाथ, तपेश्वरनाथ, मढ़ीनाथ, धोपेश्वरनाथ और श्री पशुपतिनाथ—को ‘नाथ कॉरिडोर’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। सीएम ने कहा कि जहाँ ये मंदिर बरेली को आध्यात्मिक पहचान देते हैं, वहीं IVRI ने इसे विज्ञान और शोध की दृष्टि से प्रतिष्ठा दिलाई है।
IVRI: पशुधन से लेकर मानव जीवन की सेवा में अग्रणी
सीएम योगी ने बताया कि IVRI आज केवल पशु चिकित्सा का ही नहीं, बल्कि हर जीव-जंतु के स्वास्थ्य और जीवन रक्षा का केंद्र बन चुका है। उन्होंने स्मरण कराया कि कोविड-19 महामारी के दौरान जब परीक्षण बड़ी चुनौती थी, तब इस संस्थान ने प्रदेश सरकार के सहयोग से दो लाख से अधिक कोरोना परीक्षण कराए। यह संस्थान की प्रतिबद्धता और सेवा भावना का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि लंपी स्किन डिज़ीज की दूसरी लहर के दौरान, जब गोवंश गंभीर रूप से प्रभावित हुआ था, तब IVRI द्वारा विकसित वैक्सीन ने उत्तर प्रदेश को इस बीमारी से उबरने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिकों को इस सेवा के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि उनके शोध कार्यों ने किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं।
नवीन शोधकर्ताओं से राष्ट्र निर्माण की अपेक्षा
दीक्षांत समारोह में डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन केवल शैक्षिक उपाधि प्राप्त करने का नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की सेवा का संकल्प लेने का दिन है। उन्होंने छात्रों से अपेक्षा जताई कि वे ‘विकसित भारत’ के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता का उल्लेख करते हुए कहा कि चुनौतियों का सामना ही किसी व्यक्ति की असली पहचान होती है।
मुख्यमंत्री ने सभी स्नातकों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि आपका यह ज्ञान और समर्पण देश के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला बनेगा।