बरेली के गांधी उद्यान में घूम रही युवतियों के वीडियो बनाकर उन्हें परेशान करने के आरोप में ‘हैदरी दल’ के दो सक्रिय सदस्यों, समीर रजा और शहबाज रजा उर्फ सूफियान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी से पहले इन दोनों को बचाने की कोशिश की गई और कोर्ट में वकीलों ने उनकी गिरफ्तारी को अनुचित बताते हुए विरोध भी जताया, लेकिन पुलिस और सरकारी वकील की दलीलों के बाद अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
घटना बकरीद के दिन की है, जब कुछ युवकों ने गांधी उद्यान में मौजूद महिलाओं से उनकी जाति और धर्म के बारे में पूछताछ करते हुए जबरन उनके फोटो और वीडियो बनाए थे। ये वीडियो ‘हैदरी दल’ नामक इंस्टाग्राम प्रोफाइल से सोशल मीडिया पर डाले गए। शिकायत के बाद दरोगा नितिन राणा ने मामले की जांच शुरू की, जो सच साबित हुई। साइबर सेल व सर्विलांस टीम की मदद से आरोपियों की पहचान की गई।
कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल
पुलिस जांच में सामने आया कि ‘हैदरी दल’ नाम की सोशल मीडिया आईडी का संचालन कर रहे लोग पिछले एक महीने से सक्रिय थे। इनमें मुफ्ती खालिद (पूरनपुर, पीलीभीत), रियाजुद्दीन (फरीदपुर), और शहबाज रजा उर्फ सूफियान (मलपुर गांव, भुता) शामिल हैं। ये सभी धार्मिक स्थानों से जुड़े हैं और कथित तौर पर महिलाओं की निगरानी कर रहे थे। इनका मकसद उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर रोककर जाति-धर्म पर टिप्पणी करना और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करना था।
फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए भड़काऊ प्रचार
‘हैदरी दल’ के सोशल मीडिया अकाउंट पर दावा किया गया है कि वे समुदाय की रक्षा के लिए 24 घंटे सक्रिय हैं। हालांकि, पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने माहौल बिगाड़ने और अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए उत्तेजक कंटेंट का सहारा लिया। सोशल मीडिया पर उनके खातों पर समाजसेवा से जुड़ा कोई भी प्रमाण नहीं है। केवल धार्मिक कट्टरता फैलाने वाले वीडियो ही सामने आए हैं।
संगठन पर पुलिस की पैनी नजर
एसपी सिटी मानुष पारीक के मुताबिक, ये लोग योजनाबद्ध तरीके से समुदाय की महिलाओं की निजी जानकारी एकत्र करते थे और फिर टीम बनाकर उन्हें सार्वजनिक स्थलों पर घेरते थे। उनकी निजता भंग कर वीडियो वायरल करते थे। पुलिस ने साफ किया है कि इस गिरोह से जुड़े सभी लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे सामने हों या पर्दे के पीछे।