वाराणसी। मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के गुड़िया गांव में गुरुवार को एक तेरहवीं भोज के दौरान मातम छा गया, जब खेलते समय एक चार वर्षीय बच्ची अचानक कुएं में गिर गई। बच्ची को बचाने के लिए पहले एक युवक ने कुएं में छलांग लगाई, और फिर उसका ममेरा भाई भी सहायता के लिए उतर गया। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद तीनों को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उनकी हालत नाजुक हो चुकी थी। अस्पताल में डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना पर डीसीपी आकाश पटेल भी मौके पर पहुंचे। तीनों को तत्काल एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। मृतकों में बच्ची, युवक ऋषिकेश (32) और उसका ममेरा भाई शामिल हैं।
एनडीआरएफ पर लगा निष्क्रियता का आरोप
घटना के बाद गांव में आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंची एनडीआरएफ टीम को घेरे में ले लिया और गांव छोड़ने से रोक दिया। लोगों का आरोप था कि टीम समय पर सक्रिय नहीं हुई और केवल तमाशबीन बनी रही। बढ़ते तनाव को देखते हुए कई थानों की फोर्स मौके पर तैनात कर दी गई और ग्रामीणों को शांत करने के प्रयास किए गए।
तेरहवीं भोज के बीच मचा कोहराम
जानकारी के अनुसार, गांव निवासी ऋषिकेश की दादी के निधन के बाद घर पर तेरहवीं भोज का आयोजन किया गया था। इसी बीच एक बच्ची खेलते समय पुराने कुएं में गिर गई। शोर सुनकर लोग दौड़े और परिजनों को सूचना दी गई। पास ही मौजूद ऋषिकेश ने बिना देर किए कुएं में छलांग लगा दी। उसे बचाने के लिए उसका ममेरा भाई भी पीछे से उतर गया, लेकिन गहराई और दम घुटने के चलते तीनों ही बाहर नहीं निकल सके।
गांव में पसरा मातम
एक ही परिवार से जुड़ी तीन मौतों से गांव में शोक का माहौल है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है, जबकि सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।