बुलंदशहर: दुष्‍कर्म के बाद 8 साल की बच्‍ची की हत्‍या करने वाले आरोपित को फांसी की सजा

उत्‍तर प्रदेश के बुलंदशहर की विशेष पॉक्सो कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। गुरूवार को न्यायाधीश पल्लवी अग्रवाल ने दुष्कर्म के बाद 8 साल की बच्ची की गला रेतकर हत्या करने तथा शव अपने आंगन में दफन कर देने के आरोपित हरेंद्र को फांसी की सजा सुनाई है। न्यायमूर्ति पल्लवी अग्रवाल ने आरोपित हरेंद्र को फांसी की सजा के साथ 1.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वारदात के 140 दिन बाद कोर्ट का फैसला आया है। पिड़िता के पिता ने इस फैसले पर कहा है कि फांसी की सजा से सुकून जरुर मिला है। लेकिन जबतक आरोपित को फांसी की सजा नहीं हो जाती तबतक आत्‍मा को शांति नहीं मिलेगी।

बुलंदशहर जिले में अनूपशहर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में इसी वर्ष 25 फरवरी को गांव निवासी एक व्यक्ति की पत्नी और दो बेटियां खेत पर काम करने के लिए गए हुए थे। खाना खाने के बाद एक बच्ची पानी पीने के लिए पास में ही हरेंद्र के घर में चली गई थी। काफी देर बाद परिजनों को बच्‍ची नहीं मिली तो पुलिस को जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस को बच्ची की लाश हरेंद्र के घर के बाहर एक गड्ढे में दबी मिली। इस मामले में आरोपी हरेंद्र 3 मार्च को शिमला  से गिरफ्तार किया गया था। हरेंद्र ने कबूला था कि उसने शराब पीने के बाद बच्ची से दुष्‍कर्म किया। पकड़े जाने के डर से मुंह दबाकर बच्ची की हत्या कर दी और उसे गड्ढे में दबाकर फरार हो गया था।

आरोपित के गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट बनाकर स्‍थानीय कोर्ट में पेश किया था और आरोपित हरेंद्र को जेल भेज दिया था। पॉक्‍सो कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही थी। गुरूवार को इस मामले में कोर्ट का फैसला आ गया। एडीजीसी सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि कोर्ट ने हरेंद्र को दोषी पाते हुए हत्या, दुुुुुुुष्‍कर्म और पॉक्सो एक्ट में फांसी की सजा सुनाई है। दोषी पर कुल 1.20 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।

बच्ची के पिता ने कोर्ट के फैसले से संतोष जताया है। कहा कि ‘मेरी बच्ची को न्याय मिला है। लेकिन उसकी आत्मा को तभी शांति मिलेगी, जब दरिंदा फांसी पर लटक जाएगा’। बच्ची के पिता ने बताया कि आरोपी पक्ष ने उन पर सुलह समझौता करने के लिए हरसंभव दबाव बनाया। तीन बीघा जमीन उनके नाम करने तक का लालच दिया, लेकिन उन्होंने समझौता करने से साफ मना कर दिया था।

बच्‍ची से दुष्‍कर्म और गला रेतकर हत्‍या के बाद आरोपित हरेंद्र शिमला भाग गया था। पुलिस ने इस मामले में आरोपित की तलाशी की थी। जिसके काफी दिन बाद आरोपित हाथ आया था। पुलिस ने इस मामले में युवक को पकड़कर जेल भेज दिया था।  

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