धोखाधड़ी के घेरे में अनिल अंबानी, एसबीआई ने रिलायंस कम्युनिकेशंस को किया ब्लैकलिस्ट

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के कर्ज खाते को “फ्रॉड” की श्रेणी में चिह्नित करने का निर्णय लिया है। यह मामला वर्ष 2016 से विवादों में रहा है। बैंक द्वारा 23 जून 2025 को जारी एक पत्र में यह जानकारी दी गई, जो कंपनी को 30 जून को प्राप्त हुआ।

रिलायंस कम्युनिकेशंस ने शेयर बाजार को भेजी गई एक नियामकीय सूचना में इस पत्र की प्राप्ति की पुष्टि की है। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया, “हमें एसबीआई का 23 जून 2025 का पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें बताया गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के मौजूदा दिशानिर्देशों के तहत बैंक ने कंपनी के खाते को ‘धोखाधड़ी’ की श्रेणी में डालने का फैसला किया है। साथ ही पूर्व निदेशक अनिल धीरूभाई अंबानी का नाम भी आरबीआई को भेजा जाएगा।”

एसबीआई का यह निर्णय एक लंबी प्रक्रिया के बाद लिया गया है। बैंक ने दिसंबर 2023, मार्च 2024 और सितंबर 2024 में कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। बैंक का कहना है कि कंपनी ऋण की शर्तों के उल्लंघन पर संतोषजनक जवाब देने में विफल रही। इसके अलावा, खाता संचालन में अनियमितताओं पर भी स्पष्टता नहीं दी जा सकी।

इन तथ्यों के आधार पर एसबीआई की ‘फ्रॉड आइडेंटिफिकेशन कमेटी’ ने अंतिम रूप से ऋण खाते को धोखाधड़ी के रूप में चिह्नित करने का निर्णय लिया। अब बैंक अगला कदम उठाते हुए रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी का नाम भारतीय रिज़र्व बैंक को सौंपेगा।

रिलायंस कम्युनिकेशंस, अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह का हिस्सा है। अनिल अंबानी, उद्योगपति मुकेश अंबानी के भाई हैं। फिलहाल, एसबीआई और अनिल अंबानी दोनों की ओर से इस विषय में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

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