केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए राहत भरी खबर है। जुलाई 2025 से महंगाई भत्ते (DA) में चार प्रतिशत तक की संभावित वृद्धि के संकेत मिले हैं। यह अनुमान औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) के ताज़ा आँकड़ों के आधार पर लगाया गया है। मई 2025 में यह सूचकांक 0.5 अंक बढ़कर 144 के स्तर पर पहुंच गया, जिससे DA में वृद्धि की संभावना और प्रबल हो गई है।
मार्च से मई तक लगातार इसमें वृद्धि दर्ज की गई है—मार्च में सूचकांक 143 था, अप्रैल में 143.5 और मई में 144। यदि जून में भी इसमें 0.5 अंक की बढ़ोतरी होती है, तो जुलाई से DA मौजूदा 55% से बढ़कर 59% तक पहुंच सकता है।
कैसे तय होता है DA?
महंगाई भत्ते की गणना पिछले 12 महीनों के औसत AICPI-IW के आधार पर होती है। 7वें वेतन आयोग के तहत इसका गणना फॉर्मूला है:
DA (%) = [(12 महीनों का CPI-IW औसत – 261.42) ÷ 261.42] × 100
यहां 261.42 बेस इंडेक्स माना गया है। अगर जून 2025 में सूचकांक 144.5 हो जाता है, तो 12 महीने का औसत लगभग 144.17 होगा। इस औसत के आधार पर DA करीब 58.85% निकलता है, जिसे 59% पर राउंड किया जा सकता है—यानि कुल 4% की बढ़ोतरी संभव है।
आधिकारिक घोषणा कब होगी?
हालांकि, संशोधित DA जुलाई से प्रभावी होगा, परंतु इसकी घोषणा केंद्र सरकार द्वारा आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में—त्योहारी सीजन के आस-पास की जाती है। माना जा रहा है कि इस वर्ष भी दिवाली के आस-पास इसकी घोषणा हो सकती है, जिसका बेसब्री से इंतज़ार किया जा रहा है।
7वें वेतन आयोग की अंतिम DA वृद्धि
यह महंगाई भत्ते में वृद्धि 7वें वेतन आयोग के तहत अंतिम होगी, क्योंकि इसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। वहीं, 8वें वेतन आयोग की घोषणा जनवरी 2025 में हो चुकी है, लेकिन अभी तक इसके चेयरमैन, पैनल और नियम-शर्तें (ToR) तय नहीं हुई हैं। सरकार द्वारा अप्रैल तक ToR जारी करने का संकेत दिया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं दिखी है।
8वें वेतन आयोग में देरी की संभावना
पिछले आयोगों के अनुभवों को देखते हुए, नई सिफारिशों को लागू होने में 18 से 24 महीने लग सकते हैं। ऐसे में, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2027 तक लागू होने की संभावना है। तब तक, मौजूदा बेसिक सैलरी पर DA में समय-समय पर बढ़ोतरी जारी रहेगी।
हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि 1 जनवरी 2026 से लागू होने वाले वेतन और पेंशन लाभ एरियर के रूप में प्रदान किए जाएंगे। यानी नई दरें लागू होने के साथ-साथ वेतन और पेंशन का बकाया भी एकमुश्त दिया जाएगा।