आज के दौर में खुद का घर लेना हर व्यक्ति का सपना होता है, लेकिन आसमान छूती प्रॉपर्टी की कीमतें इस सपने को साकार करने में बड़ी चुनौती बन चुकी हैं। ऐसे में होम लोन एकमात्र ऐसा विकल्प है जो आम आदमी को अपने घर का मालिक बनने का मौका देता है। हालांकि, यह सुविधा एक लंबी वित्तीय जिम्मेदारी के साथ आती है। EMI और ब्याज दरों का बोझ लोगों को वर्षों तक बांधे रखता है। यदि आप भी इस आर्थिक दबाव से जल्द राहत पाना चाहते हैं, तो यहां बताए गए उपायों को अपनाकर अपने होम लोन की अवधि और कुल भुगतान राशि दोनों को कम कर सकते हैं।
1. प्री-पेमेंट: होम लोन से मुक्ति का सरल उपाय
होम लोन को शीघ्र निपटाने का सबसे प्रभावी तरीका है प्री-पेमेंट। जब भी आपके पास अतिरिक्त धन हो—जैसे बोनस, निवेश से लाभ या कोई जमा राशि—उसे अपने लोन के मूलधन में जमा कर सकते हैं। इससे न केवल ब्याज में कमी आती है, बल्कि लोन की अवधि भी घट सकती है।
उदाहरण के तौर पर, यदि आपने ₹50 लाख का लोन लिया है और मासिक ₹50,000 EMI दे रहे हैं, तो साल में ₹2-3 लाख की अतिरिक्त प्री-पेमेंट से मूलधन तेजी से घटेगा। इससे लोन अवधि में 2-3 साल की कटौती संभव हो सकती है। ध्यान रहे, कुछ बैंकों द्वारा प्री-पेमेंट पर शुल्क लिया जा सकता है। हालांकि, फ्लोटिंग रेट लोन पर आरबीआई के नियमों के तहत अब कोई पेनल्टी नहीं ली जाती, फिर भी पहले बैंक से शर्तें स्पष्ट कर लें।
2. EMI बढ़ाकर जल्दी निपटाएं लोन
यदि आपकी आमदनी बढ़ी है या अतिरिक्त आय का स्रोत है, तो आप EMI बढ़ाने का विकल्प चुन सकते हैं। इससे शुरुआत में थोड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन इसके लाभ दीर्घकालिक हैं। उच्च EMI से मूलधन तेजी से कम होता है, जिससे लोन की अवधि और कुल ब्याज दोनों घटते हैं।
उदाहरणस्वरूप, यदि आप ₹40 लाख के लोन पर ₹40,000 EMI दे रहे हैं, तो EMI को ₹50,000 कर देने से लोन की अवधि कुछ वर्षों तक घट सकती है। लेकिन EMI बढ़ाने से पहले अपने मासिक खर्च और बजट की समीक्षा अवश्य करें।
3. लोन रीफाइनेंसिंग: बेहतर ब्याज दर का लाभ उठाएं
अगर आपका बैंक अपेक्षाकृत अधिक ब्याज दर ले रहा है, तो लोन ट्रांसफर (रीफाइनेंसिंग) का विकल्प अपनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि वर्तमान ब्याज दर 9% है और कोई अन्य बैंक 8% पर लोन दे रहा है, तो ट्रांसफर कर आप लंबे समय में बड़ी राशि बचा सकते हैं।
रीफाइनेंसिंग से पहले यह ज़रूरी है कि नए बैंक की शर्तें, प्रोसेसिंग शुल्क और कुल लागत की पूरी जानकारी लें। कभी-कभी मौजूदा बैंक भी ब्याज दर घटाने को तैयार हो जाते हैं, इसलिए उनसे बातचीत ज़रूर करें।
4. टॉप-अप लोन को समझदारी से इस्तेमाल करें
होम लोन के साथ मिलने वाला टॉप-अप लोन अक्सर घर की मरम्मत या अन्य जरूरतों के लिए लिया जाता है। लेकिन आप चाहें तो इस राशि को अपने मूलधन में जमा करके लोन को तेजी से घटा सकते हैं। यह तभी फायदेमंद है जब टॉप-अप लोन की ब्याज दर मौजूदा लोन से कम हो।
हालांकि, यह कदम सोच-समझकर उठाएं क्योंकि अगर टॉप-अप लोन की शर्तें कठोर हैं या ब्याज अधिक है, तो यह आपके ऊपर अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी डाल सकता है।