भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर शेयर बाजार पर साफ नजर आया। शुक्रवार को निफ्टी 266 अंकों की गिरावट के साथ 24,008 के स्तर पर बंद हुआ। हालांकि, निफ्टी ने किसी तरह 24,000 का मनोवैज्ञानिक स्तर बनाए रखा, लेकिन क्लोजिंग 200 डीएमए से नीचे रही, जो ट्रेंड में बदलाव का संकेत दे रही है। आने वाले दिनों में निफ्टी में कमजोरी जारी रह सकती है।
शुक्रवार को बाजार में दो प्रमुख संकेत
शुक्रवार को बाजार की गतिविधियों में दो खास बातें सामने आईं। पहली यह कि निफ्टी ने 200 दिन के मूविंग एवरेज से नीचे क्लोजिंग दी। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह कि करीब एक महीने बाद एफआईआई ने किसी एक दिन में बड़ी बिकवाली की। 9 मई, शुक्रवार को एफआईआई ने 3,798.70 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इससे पहले 11 अप्रैल तक एफआईआई लगातार नेट सेलर्स थे। 11 अप्रैल 2025 के बाद एफआईआई ने खरीदारी का रुख अपनाया था, लेकिन शुक्रवार को इस प्रवृत्ति में बदलाव आया।
बिकवाली के संकेत
बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच निफ्टी के ट्रेंड रिवर्सल और एफआईआई की बिकवाली बाजार में कमजोरी का संकेत है। एफआईआई की रणनीति रही है कि अगर वे खरीदारी करते हैं तो लगातार खरीदते हैं और बिकवाली शुरू होती है तो सिलसिला कुछ दिन चलता है। पिछले 30 दिनों में एफआईआई ने 38,357 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे। हालांकि, 9 मई को हुई 3,798 करोड़ रुपये की बिकवाली के बाद भी मई में एफआईआई अब तक 7,857 करोड़ रुपये के नेट खरीदार बने हुए हैं। लेकिन जियो-पॉलिटिकल हालात को देखते हुए आने वाले दिनों में एफआईआई का बिकवाली रुख जारी रह सकता है।
निफ्टी के तकनीकी स्तर
निफ्टी के लिए 24,150 का स्तर एक अहम रेजिस्टेंस बना हुआ है। जब तक निफ्टी इस स्तर से ऊपर क्लोजिंग नहीं देता, ट्रेंड रिवर्सल की संभावना बनी रहेगी। अगर निफ्टी 24,000 के स्तर से नीचे फिसलता है, तो अगला सपोर्ट 23,800 पर होगा। हालांकि, इस स्तर पर रिकवरी तभी संभव होगी जब भू-राजनीतिक हालात में सुधार आएगा।