अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने समूह की वार्षिक आम बैठक (AGM) में अमेरिकी कानूनी मामलों और पश्चिम एशिया के बदलते हालात को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिकी न्याय विभाग और एसीसी द्वारा अडाणी ग्रीन एनर्जी से जुड़े जो आरोप सामने आए थे, उनमें समूह के किसी व्यक्ति पर एफसीपीए के उल्लंघन या न्याय में बाधा डालने की साजिश का कोई आरोप नहीं है।
मध्य पूर्व संकट से ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स प्रभावित
गौतम अडाणी ने पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष को वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति और लॉजिस्टिक्स के लिए गंभीर चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर जहां यूरोप आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा है और अमेरिका को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं भारत अपेक्षाकृत स्थिरता और तेज़ प्रगति के रास्ते पर है।
हाइफा पोर्ट में 70% हिस्सेदारी, रणनीतिक रूप से अहम
अडाणी पोर्ट्स की इजराइल स्थित हाइफा पोर्ट में 70% हिस्सेदारी है, जिसे 2023 में गैडोट ग्रुप के साथ मिलकर लगभग 1.2 बिलियन डॉलर में अधिग्रहित किया गया था। यह बंदरगाह उत्तरी इजराइल में स्थित है और समूह के कुल वार्षिक कार्गो वॉल्यूम का करीब 3% योगदान देता है। यह इजराइल के आयात-निर्यात के लिए रणनीतिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण है।
अडाणी: चुनौतियों के बावजूद हम आगे बढ़े
हिंडनबर्ग रिपोर्ट और अमेरिकी कानूनी कार्रवाई की पृष्ठभूमि में बोलते हुए गौतम अडाणी ने कहा कि उनका समूह चुनौतियों के बावजूद आगे बढ़ा है और मुश्किल वक्त में भी रेकॉर्ड तोड़ राजस्व, ऐतिहासिक लाभ और शानदार वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने कहा कि “हमारा अनुपालन ढांचा वैश्विक मानकों पर आधारित है और हम किसी प्रकार का समझौता नहीं करते।”
मुंबई एयरपोर्ट के लिए मिला 1 अरब डॉलर का निवेश
अडाणी एयरपोर्ट्स ने अपनी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना के लिए अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से 1 बिलियन डॉलर का फंड जुटाया है। इस निवेश का नेतृत्व अपोलो द्वारा प्रबंधित फंडों ने किया, जिसमें ब्लैकरॉक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड समेत अन्य प्रमुख निवेशकों ने भाग लिया।
समूह ने इसे भारत के बुनियादी ढांचे और अडाणी एयरपोर्ट्स की संचालन क्षमता पर वैश्विक निवेशकों के भरोसे का प्रतीक बताया। यह पूंजी अडाणी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) द्वारा मुंबई एयरपोर्ट के लिए जुटाई गई है।