भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के माहौल के बीच एक सुखद खबर सामने आई है। देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने बीते वित्त वर्ष (2024-25) में रिकॉर्डतोड़ मुनाफा कमाया है। यह मुनाफा अब तक के किसी भी वित्त वर्ष के मुकाबले सबसे अधिक है।
प्रति मिनट मुनाफे में बढ़ोतरी
अगर बैंकों के लाभ को प्रति मिनट के हिसाब से देखें तो बीते वित्त वर्ष में हर मिनट करीब 34 लाख रुपए का शुद्ध लाभ हुआ। जबकि इससे पहले के वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 27 लाख रुपए प्रति मिनट था। इसका मतलब है कि बैंकों के प्रति मिनट मुनाफे में करीब 7 लाख रुपए की वृद्धि हुई है।
एसबीआई सबसे आगे, पीएनबी की छलांग
वित्त वर्ष 2024-25 में पब्लिक सेक्टर बैंकों का कुल मुनाफा 26% की सालाना वृद्धि के साथ 1.78 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में यह लाभ 1.41 लाख करोड़ रुपए था। इस बढ़त में सबसे बड़ा योगदान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का रहा, जिसने अकेले 40% से अधिक मुनाफा कमाया।
- एसबीआई का मुनाफा: 70,901 करोड़ रुपए (16% वृद्धि)
- पीएनबी का मुनाफा: 16,630 करोड़ रुपए (102% वृद्धि)
- पंजाब एंड सिंध बैंक: 1,016 करोड़ रुपए (71% वृद्धि)
अन्य बैंकों का प्रदर्शन
- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया: 3,785 करोड़ रुपए (48.4% वृद्धि)
- यूको बैंक: 2,445 करोड़ रुपए (47.8% वृद्धि)
- बैंक ऑफ इंडिया: 9,219 करोड़ रुपए (45.9% वृद्धि)
- बैंक ऑफ महाराष्ट्र: 5,520 करोड़ रुपए (36.1% वृद्धि)
- इंडियन बैंक: 10,918 करोड़ रुपए (35.4% वृद्धि)
पब्लिक सेक्टर बैंकों ने 2017-18 में हुए 85,390 करोड़ रुपए के घाटे से उबरते हुए इस वित्त वर्ष में रिकॉर्ड मुनाफा कमाया है।
कैसे हुआ बैंकों में बदलाव?
बैंकों की आर्थिक स्थिति में यह सुधार केंद्र सरकार की व्यापक रणनीति और सुधार योजनाओं का नतीजा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने बैंकिंग सेक्टर में सुधार के लिए 4R रणनीति लागू की, जिसमें शामिल हैं:
- एनपीए की पारदर्शी पहचान और समाधान।
- वसूली और पुनर्पूंजीकरण।
- पीएसबी का वित्तीय पुनर्गठन।
- बैंकिंग इकोसिस्टम में सुधार।
पुनर्पूंजीकरण का योगदान
सरकार ने वित्तीय संकट से निपटने के लिए पिछले पांच वर्षों (2016-17 से 2020-21) में पीएसबी में 3,10,997 करोड़ रुपए का पुनर्पूंजीकरण किया। इस रणनीति ने न केवल बैंकों को आर्थिक सहायता दी बल्कि किसी भी बड़ी वित्तीय चूक की संभावना को भी कम किया।
आर्थिक मजबूती की ओर कदम
बैंकों के इस शानदार प्रदर्शन से न सिर्फ वित्तीय स्थिरता बढ़ी है बल्कि निवेशकों और ग्राहकों में विश्वास भी मजबूत हुआ है। विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार की नीतियों और कुशल प्रबंधन की बदौलत पीएसबी ने यह उपलब्धि हासिल की है।