जून-अगस्त में सस्ती हो सकती हैं होम लोन ईएमआई, आरबीआई कर सकता है ब्याज दरों में कटौती

घर खरीदने की योजना बना रहे लोगों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की हालिया रिसर्च रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि आगामी जून और अगस्त की मौद्रिक नीति बैठकों में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) रेपो रेट में 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है। इससे होम लोन की ईएमआई में भी गिरावट आने की संभावना है।

वित्त वर्ष 2024-25 में ब्याज दरों में संभावित राहत

एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में महंगाई के नियंत्रण में रहने की स्थिति में कुल मिलाकर रेपो दरों में 1.25% से 1.5% तक की कटौती हो सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यदि RBI एक बार में 0.50% की कटौती करता है तो उसका असर ज्यादा प्रभावी हो सकता है। मार्च 2025 तक खुदरा महंगाई दर घटकर 3.34% के स्तर पर आने का अनुमान जताया गया है, जो पिछले 67 महीनों में सबसे कम होगा। इसके पीछे मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों में आई नरमी है।

आरबीआई को नीति दरों में कटौती का सुझाव

रिपोर्ट में एसबीआई ने रिजर्व बैंक को सलाह दी है कि आर्थिक विकास दर और महंगाई के मौजूदा रुझानों को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक नीतियों में नरमी बरती जाए। अनुमान है कि चालू कीमतों पर जीडीपी ग्रोथ 9% से 9.5% के बीच रह सकती है। इस पृष्ठभूमि में, जून और अगस्त की बैठक में रेपो रेट में 0.75% की कुल कटौती और वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 0.50% की अतिरिक्त कटौती की संभावना जताई गई है।

महंगाई पर नियंत्रण के संकेत

रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में उपभोक्ता महंगाई दर 3% तक रह सकती है। मार्च 2025 तक यह दर 3.34% के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है, जिससे पूरे FY26 में खुदरा महंगाई औसतन 4% से नीचे रह सकती है। इससे यह संकेत मिलता है कि उपभोक्ताओं को कीमतों के मोर्चे पर भी राहत मिल सकती है।

डॉलर-रुपया विनिमय दर का अनुमान

एसबीआई की रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2025 में डॉलर-रुपया एक्सचेंज रेट 85 से 87 के बीच रह सकता है।

निष्कर्ष:
यदि आरबीआई आने वाली नीतिगत बैठकों में ब्याज दरों में कटौती करता है, तो होम लोन लेने वालों को सीधी राहत मिल सकती है। साथ ही, महंगाई दर में गिरावट और मजबूत आर्थिक संकेतक दर कटौती की संभावना को और बल देते हैं।

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