भारत-मालदीव ने व्यापारिक सहयोग को लेकर की अहम बैठक, निवेश बढ़ाने पर जोर

नई दिल्ली/माले। भारत और मालदीव के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करने और व्यापारिक साझेदारी को नया विस्तार देने के उद्देश्य से शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। यह बैठक मालदीव के आर्थिक मंत्रालय में हुई, जिसमें भारत के वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल और मालदीव के आर्थिक विकास व व्यापार मंत्री मोहम्मद सईद ने भाग लिया।

बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच वर्तमान व्यापारिक संबंधों की समीक्षा की गई और नए संभावित क्षेत्रों में सहयोग की दिशा में रणनीतिक विचार-विमर्श हुआ। इसके बाद मंत्री मोहम्मद सईद ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा किया कि उन्होंने भारत के वाणिज्य सचिव के साथ उपयोगी और सार्थक चर्चा की, जिसका केंद्रबिंदु व्यापार और निवेश संबंधों को और सुदृढ़ करना रहा।

भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि बैठक में दोनों पक्षों के बीच ‘रचनात्मक वार्ता’ हुई, जिसका उद्देश्य व्यापार व निवेश को प्रोत्साहन देना और सहयोग के नए द्वार खोलना था।

मालदीव में निवेश बढ़ाने के लिए भारत में आयोजित किए गए बिजनेस फोरम

मालदीव की सरकारी समाचार एजेंसी पीएसएम न्यूज के अनुसार, हाल ही में भारत के तीन शहरों में व्यापार मंच (बिजनेस फोरम) आयोजित किए गए थे, जिनका उद्देश्य मालदीव में निवेश के अवसरों को प्रदर्शित करना और दोनों देशों के कारोबारी संबंधों को बढ़ावा देना था।

भारत बना मालदीव का अहम विकास सहयोगी

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत मालदीव के प्रमुख विकास सहयोगियों में से एक बना हुआ है। भारत ने मालदीव में बुनियादी ढांचा निर्माण से लेकर क्षमता-विकास तक कई क्षेत्रों में सहयोग किया है। इसके अतिरिक्त, भारतीय रिजर्व बैंक ने मालदीव की अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए 25.94 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मुद्रा अदला-बदली सुविधा भी प्रदान की है।

पूर्व दौरे और सामरिक साझेदारी की कड़ी में यह बैठक

गौरतलब है कि 26 मई को मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील अपने उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ नई दिल्ली की तीन दिवसीय यात्रा पर आए थे। उस दौरान व्यापार और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर भी व्यापक चर्चा हुई थी। इससे पहले अक्टूबर 2024 में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत दौरे के दौरान समुद्री सुरक्षा और व्यापक आर्थिक सहयोग से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। वर्तमान बैठक उसी समझौते की दिशा में आगे बढ़ाया गया कदम है।

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