भारत और ब्रिटेन ने एक महत्वपूर्ण ‘मुक्त व्यापार समझौता’ (एफटीए) और ‘दोहरा योगदान सम्मेलन समझौता’ (डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन) पर अंतिम सहमति बना ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के अपने समकक्ष कीर स्टार्मर से वार्ता के बाद इस समझौते की घोषणा की।
एफटीए का उद्देश्य
एफटीए एक ऐसा समझौता है, जिसमें दोनों देश एक-दूसरे के साथ व्यापार को सरल और सस्ता बनाते हैं, खासकर वस्तुओं और सेवाओं का। इसमें आयात शुल्क (कर) कम कर दिए जाते हैं या पूरी तरह से हटा दिए जाते हैं, जिससे दोनों देशों के व्यापारियों को लाभ होता है।
डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन का लाभ
यह समझौता उन लोगों के लिए राहत का काम करेगा, जो दोनों देशों में काम या व्यापार करते हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें एक ही कमाई पर दो बार टैक्स न देना पड़े।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह समझौता भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार, निवेश, विकास और रोजगार को एक नई दिशा देगा। दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी। एफटीए और कर समझौते से व्यापार में वृद्धि होगी और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ मिलेगा।
मजबूत साझेदारी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समझौते से दोनों देशों के छोटे और बड़े व्यवसायों को फायदा होगा। खासकर युवा पेशेवरों और उद्यमियों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि से दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती मिलेगी। यह समझौता केवल व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि एक मजबूत और गहरी साझेदारी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।