इज़राइल-ईरान तनाव से बढ़ेगी जेब की मार, पेट्रोल-डीजल के दाम में उछाल संभव

इजराइल और ईरान के बीच जारी टकराव सातवें दिन भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों देशों द्वारा किए जा रहे हवाई हमलों से भारी तबाही हो रही है। इजराइली हमलों में ईरान के कई शीर्ष सैन्य अधिकारी और नौ परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं, वहीं ईरान ने इजराइल की खुफिया एजेंसी के मुख्यालय और स्टॉक एक्सचेंज भवन को निशाना बनाते हुए बड़ा नुकसान पहुंचाया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल इस संघर्ष के थमने के संकेत नहीं हैं। यदि अमेरिका सीधे तौर पर इसमें शामिल होता है, तो यह संघर्ष और भी खतरनाक रूप ले सकता है। बता दें कि ईरान विश्व का चौथा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है और वैश्विक कच्चे तेल व्यापार का लगभग 20% उसकी समुद्री सीमा से होकर होता है। ऐसे में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर क्रूड ऑयल के दामों में लगातार उछाल देखा जा रहा है, जिसका असर आम जनता की जेब पर पड़ना तय है।

कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी

गुरुवार को MCX पर जुलाई डिलीवरी के क्रूड ऑयल का भाव 6,360 रुपये प्रति बैरल पर खुला, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में यह 6,334 रुपये पर बंद हुआ था। दिन में इसमें करीब 2% की बढ़त दर्ज की गई और यह 6,467 रुपये तक पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तेल के दामों में तेजी आई है। ब्रेंट क्रूड की कीमतें 1.05% चढ़कर 75.93 डॉलर और WTI क्रूड 0.74% बढ़कर 77.27 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि इजराइल द्वारा ईरान के नतांज स्थित परमाणु केंद्रों पर हमले की खबर से वैश्विक सप्लाई पर खतरा मंडरा रहा है, जिससे बाजार में अस्थिरता बढ़ी है।

अमेरिकी हस्तक्षेप से और बढ़ सकते हैं दाम

रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक जिगर त्रिवेदी के अनुसार, “कच्चे तेल की कीमतें फिलहाल पांच महीने के उच्चतम स्तर पर बनी हुई हैं। संघर्ष की वजह से होरमुज़ जलडमरूमध्य को लेकर चिंता बनी हुई है, जो वैश्विक तेल आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा नियंत्रित करता है। फिलहाल ईरान ने सप्लाई रोकने का कोई संकेत नहीं दिया है। वहीं अमेरिकी फेड ने ब्याज दरों को यथावत रखा है लेकिन साल के अंत तक कटौती की संभावना जताई है, जिससे मांग में वृद्धि की उम्मीद है।”

इसी बीच कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि अमेरिका ईरान पर संभावित सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहा है, जिससे बाजार में और भी अस्थिरता आ सकती है।

भविष्य में कहां पहुंच सकती हैं कीमतें?

गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि वर्तमान तनाव को देखते हुए ब्रेंट क्रूड में प्रति बैरल 10 डॉलर का “रिस्क प्रीमियम” वाजिब है, और हालात बिगड़ने पर यह कीमत 90 डॉलर तक पहुंच सकती है। विश्लेषकों का अनुमान है कि MCX पर जुलाई डिलीवरी का क्रूड ऑयल 6,300 रुपये के स्तर पर खरीदी जा सकती है, जिसका लक्ष्य 6,450 रुपये हो सकता है। वहीं, आज के सत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड को 72.50 – 71.90 डॉलर पर सपोर्ट और 73.85 – 74.50 डॉलर पर रेजिस्टेंस मिल सकता है, जबकि MCX पर यह 6,250 – 6,170 रुपये पर सपोर्ट और 6,395 – 6,470 रुपये के स्तर पर रेजिस्टेंस पर कारोबार कर सकता है।

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