भारत ने पहलगाम हमले के 15 दिन बाद पाकिस्तान में आतंकवादियों पर कार्रवाई कर बदला ले लिया है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म Jefferies ने भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार पर अपना भरोसा जताया है। Jefferies का मानना है कि यदि युद्ध जैसी स्थिति बनती भी है, तो इसका असर शेयर बाजार पर अस्थायी रहेगा।
गिरावट लंबे समय तक नहीं रहेगी
Jefferies के विशेषज्ञों का कहना है कि भारत-पाकिस्तान तनाव के चलते शेयर बाजार में कुछ गिरावट देखी जा सकती है, लेकिन यह स्थिति अधिक समय तक नहीं टिकेगी। 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में एयर स्ट्राइक के दौरान भी बाजार में हल्की अस्थिरता आई थी, लेकिन बाद में स्थिति में सुधार हो गया था।
टूरिज्म और रियल एस्टेट सेक्टर पर प्रभाव
Jefferies ने इस तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए टूरिज्म और रियल एस्टेट सेक्टर का वजन कम कर दिया है। उनका मानना है कि यदि हालात और बिगड़ते हैं, तो इन दोनों क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। यह इसलिए क्योंकि टूरिज्म और रियल एस्टेट स्थिरता और विश्वास पर निर्भर करते हैं, और ऐसी परिस्थिति में लोग यात्रा या प्रॉपर्टी में निवेश से कतराते हैं।
बैंकिंग, ऑटो और टेलीकॉम सेक्टर पर भरोसा
Jefferies ने बैंकिंग, ऑटो और टेलीकॉम सेक्टर को अपनी प्राथमिकता सूची में शामिल किया है। इन क्षेत्रों को “Overweight” रेटिंग दी गई है, जिसका मतलब है कि इन पर ब्रोकरेज का भरोसा अधिक है। ये सेक्टर बाजार में गिरावट के समय भी मजबूती बनाए रख सकते हैं। इसके अलावा, औद्योगिक और बुनियादी ढांचा (इंफ्रा) क्षेत्रों को लेकर Jefferies ने थोड़ा सतर्क रुख अपनाया है।
सीमा पर तनाव का असर
Jefferies का कहना है कि सीमा पर तनाव बढ़ने की स्थिति में सीमा से सटे औद्योगिक परियोजनाओं और बड़ी फैक्ट्रियों को लेकर निवेशकों की चिंता बढ़ सकती है। इस वजह से इन क्षेत्रों में निवेशकों का रुझान प्रभावित हो सकता है।
स्थिति पर नजर बनाए रखें
Jefferies ने चेतावनी दी है कि तनाव पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। भारत ने कार्रवाई कर दी है, लेकिन सीमा पार से पाकिस्तान की ओर से फायरिंग और हमलों का खतरा बना हुआ है। इसलिए बाजार की अस्थिरता को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है।