ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारत के अत्याधुनिक S-400 सुदर्शन एयर डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों को नाकाम कर दिया। यह पहली बार है जब भारत ने इस शक्तिशाली प्रणाली का सक्रिय रूप से उपयोग किया है।
S-400 सुदर्शन: भारत की वायु रक्षा में मजबूत कड़ी
भारत ने S-400 सिस्टम रूस से वर्ष 2018 में करीब 5.43 अरब डॉलर (लगभग ₹4.65 लाख करोड़) की लागत से खरीदा था। इस समझौते के तहत भारत को कुल पांच यूनिट्स मिलने थे। अब तक तीन यूनिट्स भारत को प्राप्त हो चुके हैं, जबकि शेष दो यूनिट्स की डिलीवरी में देरी हो रही है। उम्मीद है कि ये यूनिट्स 2026 की शुरुआत तक भारत पहुंचेंगे।
पहला S-400 यूनिट दिसंबर 2021 में भारत आया था, जिसे पश्चिमी सीमा पर तैनात किया गया। इसके बाद अगले दो वर्षों में दूसरा और तीसरा यूनिट पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं पर तैनात किए गए।
S-400 सुदर्शन की विशेषताएं
S-400 एक लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली है, जो हवाई जहाज, ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल जैसे खतरों का 400 किलोमीटर दूर से ही पता लगाकर उन्हें नष्ट करने में सक्षम है। यह प्रणाली केवल पांच मिनट में सक्रिय हो सकती है, जिससे किसी भी हवाई हमले का तुरंत जवाब दिया जा सकता है। S-400 की तैनाती से भारत की वायु सुरक्षा में महत्वपूर्ण मजबूती आई है।
डिलीवरी में देरी के कारण
S-400 प्रणाली की डिलीवरी में देरी का मुख्य कारण पहले कोरोना महामारी और फिर रूस-यूक्रेन युद्ध है। इन कारणों से आपूर्ति बाधित हुई, लेकिन अब अनुमान है कि शेष दो यूनिट्स 2026 की शुरुआत में भारत आ जाएंगी।
दुनिया में S-400 का उपयोग
भारत के अलावा रूस, चीन और तुर्की जैसे देशों के पास भी यह उन्नत वायु रक्षा प्रणाली है। भारत ने अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने और वायु सुरक्षा में सुधार लाने के लिए इस प्रणाली का अधिग्रहण किया था। इसी S-400 सुदर्शन की वजह से भारत ने पाकिस्तान के मिसाइल हमलों को विफल किया है।