आजम के जौहर प्रशिक्षण संस्थान का कैग से कराया जाएगा ऑडिट

मौलाना मोहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण एवं  शोध संस्थान रामपुर के निर्माण एवं उपयोगिता का ऑडिट नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) से कराया जाएगा। यहां अनियमितताओं की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी ने इसकी संस्तुति की थी जिस पर अब अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने इस पर काम कराने केनिर्देश दिए हैं। यह संस्थान इस समय सपा नेता आजम खां के ट्रस्ट के स्वामित्व में है।

रामपुर के इस संस्थान की लीज 33 साल के लिए सपा नेता आजम खां ने कैबिनेट से अपने ट्रस्ट के नाम करा ली थी। मात्र सौ रुपये सालाना की दर से यह लीज कराई गई। जनवरी 2020 में इस बाबत जांच के बाद एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। जिसने कई अहम बिंदुओं पर जांच कराने की संस्तुति की थी। इसी आधार पर अब संस्थान का कैग से ऑडिट कराया जाएगा। 15 हजार वर्ग मीटर में बने इस संस्थान में वर्ष 2005 से 2008 के मध्य निर्माण कराया गया था। 9.97 करोड़ रुपये की लागत से बने इस भवन की उपयोगिता पर भी सवाल खड़े हुए  और उसका भी ऑडिट कराने को कहा गया है। चूंकि आजम खां के ट्रस्ट ने इस भवन में रामपुर पब्लिक स्कूल  खोल लिया गया तो उस पर प्रश्न चिह्न लगे हैं।

पट्टा भी निरस्त होगा
एसआईटी ने संस्तुति की थी कि इस संस्थान का पट्टा निरस्त कर इसे वापस लिया जाए। साथ ही साथ ही तत्कालीन मंडलीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आरपी सिंह (वर्तमान में संयुक्त निदेशक) के खिलाफ भी कार्रवाई को कहा गया था। आरोप है कि उन्होंने अपने कर्तव्यों में उदासीनता बरती।

कर्मचारियों की संपत्ति की जांच होगी
चूंकि यह समिति इससे जुड़े अन्य प्रकरणों की भी जांच कर रही थी तो उसने अपनी रिपोर्ट में कहा गया था कि दो लेखपालों की संपत्ति की जांच कराना जरूरी है। भ्रष्टाचार निवारण संगठन से यह जांच कराने की संस्तुति की गई थी। समिति ने कहा कि  प्रकरण में ग्राम अलीगंज बेनजीर मार्ग के  किनारे बनाई गई है जिससे इन गांव के लोगाें को आवागमन में परेशानी हो रही है। इस पर भी निर्णय लेने के निर्देश दिए गए थे। इन सभी जांचों पर अब कार्रवाई होगी।

‘मौलाना मोहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान का पट्टा निरस्त कर जमीन वापस लेने, कैग से इसकी जांच कराने तथा एसआईटी की अन्य संस्तुतियों पर कार्रवाई के लिए कहा गया है। इसके अलावा वहां के अन्य प्रकरणों पर भी कार्रवाई कराएंगे। रामपुर के कुछ लोगों ने आकर अन्य प्रकरणों से भी अवगत कराया है।’ – धर्मपाल सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री

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