कैप्टन की पार्टी को मिला चुनाव चिह्न

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) पार्टी को चुनाव आयोग ने मान्यता दे दी है। आयोग ने कैप्टन की पार्टी को हॉकी स्टिक-बॉल का निशान दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने पार्टी को मान्यता मिलने के बाद खुशी जताते हुए कहा है कि बस अब गोल करना बाकी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने पंजाब कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद पंजाब विधानसभा चुनाव में नई राजनीतिक पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस बनाई थी।

वह इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ त्रिकोणीय गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव की घोषणा के बाद कैप्टन अपने सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर चर्चा कर रहे हैं। हालांकि अभी तक इस पर तीनों दलों के बीच एक राय नहीं बन पाई है। कैप्टन के करीबियों का कहना है कि जल्द ही इस पर एक राय बन जाएगी और प्रत्याशियों की घोषणा शुरू की जाएगी। इन सबके के बीच रविवार को कैप्टन ने पीएलसी को मान्यता मिलने की सूचना ट्वीट की। 14 फरवरी को पंजाब में एक चरण में 117 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। 10 मार्च को पांच राज्यों के साथ पंजाब के विधानसभा चुनाव नतीजे आएंगे।

कांग्रेस से अलग होकर कैप्टन ने बनाई थी पार्टी
चुनाव से कुछ महीने पहले नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच सियासी खींचतान चरम पर पहुंची। अमरिंदर सिंह के तमाम विरोध के बावजूद कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस को अलविदा कह दिया और पंजाब लोक कांग्रेस नाम से नई राजनीतिक पार्टी का गठन किया। वहीं चमकौर साहिब से कांग्रेस विधायक चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस ने पंजाब का नया मुख्यमंत्री बनाया। कैप्टन अमरिंदर सिंह इस बार का पंजाब विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींढसा की शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ लड़ रहे हैं।

पहली बार किसानों की पार्टी भी मैदान में
कृषि कानूनों पर अपनी जीत के बाद पंजाब के किसान संगठन काफी उत्साहित हैं। पहली बार किसान संगठन चुनाव मैदान में उतरेंगे। किसान आंदोलन में शामिल 22 किसान संगठनों ने मिलकर संयुक्त समाज मोर्चा बनाया है। ये किसान संगठन वरिष्ठ किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल की अगुवाई में चुनाव लड़ेंगे। वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने भी संयुक्त संघर्ष पार्टी का गठन किया है।

सियासी समीकरण
पंजाब में 117 कुल विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 34 सीटें आरक्षित हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में 34 आरक्षित सीटों में से 21 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने 117 सीटों में से 77 पर जीत दर्ज की थी। आम आदमी पार्टी ने पहली बार 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ा था और मुख्य विपक्षी पार्टी बनकर उभरी थी। आप को 20 सीटों पर कामयाबी मिली थी। वहीं शिरोमणि अकाली दल को 15 सीटें ही मिली थीं।

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