सेब सीजन में गहरा सकती है कार्टन की कमी

हिमाचल के लाखों सेब बागवानों को सीजन में कार्टन और पैकिंग ट्रे जुटाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। प्रदेश के कार्टन उत्पादकों को जरूरत का सस्ता कच्चा माल नहीं मिल रहा है। लिहाजा उत्पादकों को कार्टन उत्पादन लागत पिछले साल के मुकाबले ज्यादा आ रही है। प्रदेश सरकार के पास पहुंचे आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में करीब चार करोड़ पेटी सेब उत्पादन होने का अनुमान है।

प्रदेश में करीब अस्सी फीसदी लघु और मध्यम वर्ग के बागवानों को पिछले साल की अपेक्षा अधिक महंगा कार्टन खरीदना पड़ेगा। पिछले साल सेब का उत्पादन करीब ढाई करोड़ पेटी सेब हुआ था और किसानों को सेब तुड़ान के लिए श्रमिकों का संकट झेलना पड़ा था। हालांकि कार्टनों की दिक्कत नहीं हुई थी। बागवानों को 45 से 50 रुपये प्रति कार्टन उपलब्ध कराया गया था। इस साल कोरोना की दूसरी लहर और बर्फबारी ने बागवानों को झकझोर दिया है।

अब सेब सीजन आरंभ होने से पहले बागवानों के लिए कार्टन और अन्य पैकिंग सामग्री जुटानी भारी पड़ रही है। बड़े बागवानों ने एडवांस में कार्टनों की बुकिंग करा दी है। इनको भी 12 से 15 रुपए महंगे कार्टन बेचे जा रहे हैं। जो लघु और मध्यम वर्ग के बागवानों को इससे अधिक महंगा कार्टन मिल पाएगा। कार्टन जुटाने को लेकर छोटे बागवान अभी से परेशान होने लगे हैं।

हिमाचल प्रदेश सब्जी एवं फल उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान ने कहा कि लघु और मझौले बागवानों को बाजार से महंगे दामों पर कार्टन मिलेंगे। सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना करना चाहिए और बागवानों को उपदान में कार्टन उपलब्ध कराया जाए। क्रेट में सेब बेचने की व्यवस्था तत्काल की जाए।

हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड के प्रबंध निदेशक नरेश ठाकुर ने कहा कि सेब प्लास्टिक क्रेट में भरकर बेचने को लेकर मंगलवार को बैठक बुलाई है। इसमें तय होगा कि प्लास्टिक क्रेट में  सेब कैसे बेचे जाएं।

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