दुष्कर्म के मामले में सपा और बसपा नेताओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज

उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले से शर्मसार कर देने वाली खबर सामने आई है। कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत एक मोहल्ला निवासी किशोरी से छह वर्षों तक दुष्कर्म किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। किशोरी ने पिता, चाचा, ताऊ, सपा, बसपा के जिलाध्यक्ष के अलावा शहर के संभ्रांत लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। पुलिस ने 25 नामजद समेत 28 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। 

17 वर्षीय किशोरी ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसके साथ सबसे पहले दुष्कर्म तब हुआ जब वह कक्षा छह में पढ़ती थी। पिता ने ग्राम महेशपुरा के खेतों के पास ले जाकर दुष्कर्म किया। इसके बाद यह सिलसिला शुरू हो गया। उसे होटलों में ले जाया गया। 

छह वर्षों से अलग-अलग लोगों ने दुष्कर्म किया। इनमें परिवार के लोग भी शामिल हैं। इस दौरान उसे बेचने का भी प्रयास किया गया। थक हारकर तीन दिन से किशोरी ने मां और भाई को अपने साथ कमरे में बंद कर किसी तरह फोन से पुलिस से शिकायत की। 

सूचना पर मंगलवार को पुलिस अधीक्षक ने खुद किशोरी के घर पहुंचकर कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब वह मां और भाई के साथ बाहर आई। पुलिस ने इस मामले में  पिता, चाचा, ताऊ के अलावा जिले के सपा व बसपा के नेताओं पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है। कुल 28 लोगों पर मुकदमा लिखा गया है, जिनमें 25 नामजद हैं। इनमें नौ परिवार के लोग हैं।


17 वर्षीय किशोरी ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया कि वह कक्षा छह में पढ़ती थी तब उसके पापा उसे घुमाने के लिए ले गए थे। रास्ते में उसे गंदा वीडियो दिखाया। अगले दिन रात आठ बजे नए कपड़े दिलाए और मोटरसाइकिल सिखाने की कहकर ग्राम महेशपुरा के खेतों के पास ले जाकर दुष्कर्म किया।

उसे होटल ले जाया गया। वहां उसके साथ एक युवक ने दुष्कर्म किया। इसके बाद यह क्रम शुरू हो गया। छह वर्षों तक अलग-अलग लोगों ने दुष्कर्म किया। उसे बेचने का भी प्रयास किया गया।

पुलिस ने इस मामले में तिलक यादव, राजू यादव, महेंद्र यादव, अरविंद यादव, प्रबोध तिवारी, सोनू समैया, राजेश जैन जोझिया, महेंद्र दुबे, नीरज तिवारी, महेंद्र सिंघई, दीपक अहिरवार और कोमलकांत सिंघई समेत 28 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली।

मेरी छवि और परिवार को बर्बाद करने का प्रयास हो रहा
विरोधियों द्वारा राजनीतिक द्वेष भावना से एक फर्जी मामला बनाकर नाबालिग लड़की से झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें उसके चार भाइयों, सपा के नगर अध्यक्ष का नाम भी लिखा दिया गया है। इसके अलावा एक पार्षद और बीएसपी के जिलाध्यक्ष का नाम भी लिखाया है। लड़की ने अपने पिता, चाचा और ताऊ पर भी आरोप लगाए हैं। एफआईआर देखकर ही लग रहा है कि पूरा मामला झूठा है।

इस मामले में जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं। यदि कोई दोषी है तो उसे दंडित किया जाए, लेकिन झूठा न फंसाया जाए। यह उनके खिलाफ षड़यंत्र किया गया है। यदि उनकी छवि को और उनके परिवार को बर्बाद करने का प्रयास किया जाएगा तो वह आत्महत्या करने को विवश होंगे। उस महिला का पति से विवाद है और उसने बहकावे में आकर यह सब किया है। इस मामले में वह बुधवार को डीएम को ज्ञापन देकर निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे।
-तिलक यादव, जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी।


ये झूठा और विरोधियों द्वारा रचा षड्यंत्र है
उनके खिलाफ जो मुकदमा लिखाया गया है वह पूरी तरह झूठा है और विरोधियों द्वारा षडयंत्र किया गया है। उनका उस किशोरी या उसके परिवार से कोसों तक संबंध नहीं है, न ही वह उसे जानते हैं। इस मामले की निष्पक्ष व स्वतंत्र एजेंसी के माध्यम से जांच होनी चाहिए।-दीपक अहिरवार, जिलाध्यक्ष, बसपा।

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