ब्राजील के राष्ट्रपति पर अंतराष्ट्रीय अदालत में मुकदमा दर्ज

ब्राजील के अमेजन जंगलों में रिकॉर्ड स्तर पर होने वाली पेड़ों की कटाई के कारण राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जब से वो राष्ट्रपति बने हैं, तभी से जंगलों की सफाई बढ़ गई है. जिसका सीधा प्रभाव जलवायु परिवर्तन (Climate Change) पर पड़ रहा है. इसी वजह से बोल्सोनारो पर मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप लगा है. ऑस्ट्रेलिया में जलवायु परिवर्तन के लिए काम करने वाली संस्था ने राष्ट्रपति के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) में शिकायत दर्ज की है.

संस्था का बोल्सोनारो पर आरोप है कि उनकी वनों की कटाई, भूमि हथियाने और अवैध खनन को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों के कारण अमेजन को तेजी से नुकसान पहुंच रहा है. संस्था के संस्थापक जोहानस वेसमन ने एक बयान में कहा, ‘जेयर बोल्सोनारो अमेजन के बड़े पैमाने पर विनाश को बढ़ावा दे रहे हैं.’ मामले में बोल्सोनारो के कार्यालय की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया है (Deforestation of Amazon ). उन्होंने साल 2019 में राष्ट्रपति का पद संभाला था. संस्था ने न्यायालय से कहा है कि आधिकारिक तौर पर इसकी जांच की जानी चाहिए कि जेयर बोल्सोनारो की नीतियां मानवता के खिलाफ अपराध हैं या नहीं.

आंकड़े बताते हैं कि अमेजन में जंगलों की कटाई से जितना कार्बन उत्सर्जन हो रहा है, उतना इटली या फिर स्पेन के सालाना कुल उत्सर्जन से भी अधिक है. इससे इतनी कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है, जितनी अमेजन सोख नहीं पाता. जेयर बोल्सोनारो के खिलाफ आईसीसी में शिकायत भी ऐसे वक्त पर दर्ज हुई है, जब अगले महीने ग्लासगो में जलवायु सम्मेलन COP26 होने वाला है (Climate Summit COP26). इसके कारण इस समय दुनिया में हर किसी का ध्यान पर्यावरण पर है. कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि मामले में जांच होगी या नहीं, ये फैसला करने में आईसीसी कई साल लगा सकता है.

जलवायु परिवर्तन से हो रहीं मौत

ब्राजीलियन क्लाइमेट ऑब्जरवेटरी की एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी मार्सियो एस्त्रिनी ने शिकायत दर्ज होने पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि इस शिकायत से ज्यादा कुछ बदलने की संभावना नहीं है. लेकिन देश की अदालत से लेकर वहां निवेश करने वाली कंपनियां तक, सभी समस्या के खिलाफ एक्शन को बढ़ावा दे सकती हैं. उन्होंने कहा, ‘यह शर्म की उस दीवार में एक और ईंट है, जिसे बोल्सोनारो ब्राजील के लिए बना रहे हैं.’ संस्था ने इस शिकायत को जलवायु परिवर्तन से लोगों के स्वस्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव और इससे होने वाली मौतों से जोड़ा है (Climate Change Deaths). मानवाधिकार कार्यकर्ता और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक वकील मौड सरलीव ने कहा कि शिकायत आईसीसी को परखने के काम आएगी, कि क्या वह पर्यावरण से होने वाली मौतों पर कुछ करता है. बता दें अब ये आईसीसी के ऊपर है कि वह शिकायत को स्वीकार करता है या फिर खारिज करता है.

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