बिहार के 31 मंत्रियों में से 17 के खिलाफ दर्ज हैं गंभीर अपराध के मुकदमे

नीतीश मंत्रिमंडल में कुल 31 मंत्री बनाए गए हैं. इसमें आरजेडी से 16, जेडीयू से 11, कांग्रेस से दो, हम (HAM) से एक और एक निर्दलीय विधायक है. सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ कैबिनेट में कुल 33 सदस्य हैं. जातीय समीकरण को साधने की कोशिश की गई है. पिछड़े-अति पिछड़े समुदाय से सबसे अधिक 17 मंत्री बनाए गए हैं. इसमें यादव जाति से आठ मंत्री हैं. बिहार सरकार में पांच-पांच दलित मुस्लिम नेताओं को जगह दी गई है. सवर्ण जातियों के भी 6 मंत्री बने हैं जिसमें दो भूमिहार समुदाय के भी हैं. इसमे

जनता दल यूनाइटेड से विजय चौधरी- सरायरंजन (भूमिहार), विजेंद्र यादव- सुपौल (यादव), अशोक चौधरी- MLC (पासी), श्रवण कुमार- नालंदा (कुर्मी), संजय झा- एमएलसी (ब्राह्मण), लेशी सिंह- धमदाहा (राजपूत), जमा खान- चैनपुर (मुस्लिम), जयंत राज- अमरपुर (कुशवाहा), सुनील कुमार- भोरे (जाटव),  मदन सहनी- बहादुरपुर (मछुआरा) और शिला मंडल- फुलपरास (धानुक) को मंत्री बनाया गया है.

आरजेडी कोटे से तेज प्रताप यादव- हसनपुर (यादव), आलोक मेहता- उजियारपुर (कुशवाहा), अनिता देवी- नोखा,  कुमार सर्वजीत- बोधगया (जाटव), समीर कुमार महासेठ- मधुबनी,  मो. शाहनवाज- जोकीहाट (मुस्लिम), चंद्रशेखर- मधेपुरा (यादव),  रामानंद यादव- फतुहा- (यादव), सुरेंद्र यादव- बेलागंज (यादव), कार्तिकेय मास्टर, इसराइल मंसूरी- कांटी (मुस्लिम), शमीम अहमद- नरकटिया (मुस्लिम), सुरेंद्र राम- गरखा- (जाटव), सुधाकर सिंह- रामगढ़ (राजपूत), ललित यादव और जिंतेंद्र राय मंत्री बनें हैं. वहीं कांग्रेस से मुरारी गौतम- चेनारी (दलित) और अफाक आलम- कस्बा (मुस्लिम) को मंत्री बनाया गया है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की ओर से पूर्व सीएम जीतन मांझी के पुत्र संतोष मांझी (दलित) को मंत्री बनाया गया है. निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह- चकाई (राजपूत) को भी मंत्री बनाया गया है.

कोई दागी तो कोई दबंग के साथ करोड़पति

मंत्रिमंडल में ऐसे भी लोग हैं जो दागी हैं और उन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. आरजेडी कोटे से मंत्री बने सुरेंद्र यादव के खिलाफ 9 आपराधिक मामले दर्ज हैं. हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश रचने सहित कई आरोप लगे व केस भी दर्ज है. एक दबंग नेता के रूप में पहचान रही है. लगातार 30 सालों से बेलागंज से जीत रहे हैं.

जेडीयू कोटे के मंत्री बने जमा खान पर हिंसा भड़काने, हत्या की कोशिश और आर्म्स एक्ट का मुकदमा चल रहा है. आरजेडी कोटे के मंत्री बने कार्तिक कुमार पर मोकामा समेत बिहटा में भी आपराधिक मामले दर्ज हैं. किसी भी मामले में अब तक न्यायालय से इन्हें दोषी करार नहीं दिया गया है. यह पूर्व विधायक बाहुबली अनंत सिंह के करीबी हैं. निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह महागठबंधन सरकार में मंत्री बने हैं. इन पर भी पांच मामले दर्ज हैं.

तेजस्वी पर सात क्रिमिनल केस

डिप्टी सीएम बन चुके तेजस्वी यादव का नाम आईआरसीटीसी घोटाले में आ चुका है. बिहार चुनाव 2020 के दौरान दायर किए हलफनामे के मुताबिक, तेजस्वी यादव पर 11 मामले दर्ज हैं. इनमें 7 क्रिमिनल केस हैं, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी के मामले चल रहे हैं. नीतीश कुमार की कैबिनेट में शामिल कुल 33 में से 24 मंत्रियों के पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं.

कांग्रेस के दोनों मंत्री सबसे गरीब

नीतीश कैबिनेट के सबसे अमीर मंत्री आरजेडी कोटे के समीर महासेठ हैं. महासेठ के पास 24.45 करोड़ रुपये की संपत्ति है. नीतीश की कैबिनेट में पांच मंत्री ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 10 करोड़ से अधिक है. वहीं, पांच मंत्री ऐसे भी हैं जिनकी संपत्ति एक करोड़ से कम है. सबसे कम संपत्ति वाले मंत्रियों में कांग्रेस के दोनों मंत्री शामिल हैं. कांग्रेस कोटे से मंत्री बने मुरारी प्रसाद गौतम सबसे गरीब मंत्री हैं. उनके पास 17.66 लाख की कुल संपत्ति है. जेडीयू कोटे के मंत्री जमा खां के पास 30.04 लाख की संपत्ति है.

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