मेरठ, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने एमबीबीएस प्रकरण में दोषी ठहराए गए डिप्टी रजिस्ट्रार अरुण यादव के निष्कासन की संस्तुति कर दी है। अगली कार्रवाई के लिए अब शासन को पत्र लिखा जाएगा। एमबीबीएस प्रकरण में विवि की ओर से गठित जांच समिति की रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की गई है। एमबीबीएस 2018 में एसटीएफ ने चौधरी चरण सिंह विवि में एमबीबीएस की कापियां बदलने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था।
यह था मामला
एमबीबीएस के दो छात्रों को कापी बदलते हुए पकड़ा गया था। जिसमें कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी। इस मामले में अभी एसआइटी की जांच चल रही है। उससे पहले ही दोनों छात्रों ने एमबीबीएस की परीक्षा भी दे दी, और उनका रिजल्ट भी घोषित कर दिया गया था। मामले की जानकारी होने पर विश्वविद्यालय ने उन छात्रों के रिजल्ट को रोक दिया। साथ ही गोपनीय विभाग के प्रभारी व डिप्टी रजिस्ट्रार अरुण यादव को दोषी ठहराते हुए निलंबित भी कर दिया था। इस मामले में जांच के लिए विवि की कमेटी बनाई गई थी, जिसकी रिपोर्ट में अरुण यादव को दोषी मानते हुए उनके निष्कासन की संस्तुति कर दी गई है। कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने कार्यपरिषद की बैठक की अध्यक्षता की। प्रतिकुलपति प्रो. वाई विमला, रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी सुशील गुप्ता, प्रो. हरे कृष्ण, प्रो. जयमाला, प्रो. एसएस गौरव, प्रो. अनिल मलिक, प्रो. विजय जायसवाल, डा. अल्पना अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
कर्मचारियों व शिक्षकों के लिए उचित नियुक्ति पत्र, अनुबंध पत्र स्वीकृत किए। सेल्फ अप्रेजल फॉर्म तैयार कर प्रत्येक संकाय के डीन को अपने-अपने संकाय के ऐसे अनुबंध पत्रों को तैयार करवाने के लिए आदेशित किया गया।
निर्णय लिया गया कि स्ववित्त पोषित संस्थानों में कार्यरत किसी भी शैक्षिक, गैर शैक्षणिक कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होने की स्थिति में उसी संस्थान में उपलब्ध बजट को देखते हुए मृतक आश्रित कोटे से परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता के अनुरूप नौकरी दी जाएगी।
सर छोटूराम इंस्टीटयूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में शिक्षकों को पुनर्नियोजन के लिए समिति का गठन कर आवेदन करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया। समिति की अनुशंसा के आधार पर ही पुनर्नियोजन की प्रक्रिया की जाएगी। अन्यथा की स्थिति में आवश्यकतानुसार चयन प्रक्रिया शुरू होगी। 14 छात्रों को शोध उपाधि प्रदान की गई।
बीटेक में ईई ब्रांच बंद होने के बाद इस बात की संभावना पर भी विचार किया जाएगा कि ऐसे विषय प्रारंभ किए जाएं, जो आधुनिक बाजार की मांग के अनुरूप हो जिससे अधिक से अधिक शिक्षकों एवं कर्मचारियों को आवश्यकतानुसार समायोजित किया जा सके।
पिछले साल इस ब्रांच में 60 में से चार ही एडमिशन हुए थे। हाईरैंक बिजनेस स्कूल गौतमबुद्धनगर द्वारा स्ववित्त पोषित योजना के अंतर्गत चल रहे बीएड कोर्स की मान्यता रदद कर दी गई।