कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद भी बच्चे हो सकते हैं मल्टी-सिस्टम इन्फ्लैमेटरी सिंड्रोम के शिकार

कोरोना से उबर चुके मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्सकों के लिए ब्लैक फंगस के बाद बच्चों में मल्टी- सिस्टम इन्फ्लैमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस-सी) नई चिंता का सबब बनकर उभरा है। इस सिंड्रोम में कई अंग प्रभावित होते हैं और इसे आम तौर पर संक्रमित होने के कई हफ्तों बाद देखा गया है। महामारी से उबरे बच्चों के इससे संक्रमित होने का खतरा पैदा हो सकता है। 

फोर्टिस हेल्थकेयर में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.योगेश कुमार गुप्ता ने कहा-मैं नहीं कह सकता कि यह (एमआईएस-सी) खतरनाक है या इससे जीवन को खतरा है, लेकिन निश्चित रूप से कई बार यह संक्रमण बच्चों को बुरी तरह से प्रभावित करता है, यह बच्चों के हृदय, जिगर और गुर्दे को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। यह संक्रमण कोरोना होने के चार से छह सप्ताह के बाद होता है।

गुप्ता ने कहा कि एमआईएस-सी कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए शरीर में बने एंटीजन से प्रतिक्रिया का नतीजा है। उन्होंने कहा-कोरोना संक्रमण से हम चिंतित नहीं होते क्योंकि अधिकतर मामलों में ये मामूली या हल्के लक्षण वाले होते हैं, लेकिन संक्रमण से मुक्त होने पर बच्चों के शरीर में एंटीबॉडी पैदा हो जाती है, यही एंटीबॉटी बच्चों के शरीर में प्रतिक्रिया करती है। यह उनके शरीर में एलर्जी जैसी होती है। एमआईएस-सी बच्चों के हृदय, जिगर और गुर्दे जैसे अंगों को कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद प्रभावित करता है न कि कोविड-19 के दौरान। 

फोर्टिस हेल्थ केयर में पांच मामले मिले:
देशों में कोविड-19 के चरम पर होने के बाद एमआईएस-सी का दस्तावेजीकरण किया गया है। गुप्ता ने बताया कि पिछले साल फोर्टिस हेल्थकेयर में ऐसे तीन मामले आए थे और दूसरी लहर के बाद दो मामले आ चुके हैं। उन्होंने आशंका जताई कि महामारी चरम पर पहुंचने के बाद एमआईएस-सी के और मामले आ सकते हैं।

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