लखनऊ। देश में सर्वाधिक आबादी वाले प्रांत उत्तर प्रदेश में भी कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है। यहां राजधानी लखनउू और नोएडा जैसे शहरों में रोज सैकड़ों मरीज मिल रहे हैं। लोगों के बचाव के लिए राज्य सरकार ने कई जगह कोविड गाइडलाइंस में सख्ती भी की है। वहीं, रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग को तत्काल प्रभाव से अहमदाबाद से 25,000 इंजेक्शन मंगवाने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से आज बताया गया कि, गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद से रेमडेसिवीर इंजेक्शन की खेप यूपी मंगवाई जाएगी। कोविड अपडेट् रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले अब तक 7,23,582 हो गए हैं। 95,980 सक्रिय मरीज हैं। 9,309 लोगों की कोरोना से अब तक जान जा चुकी है। जबकि, 6,18,293 लोग वे हैं जो ठीक हुए हैं। वहीं, कोरोना टेस्ट की संख्या 3.7 करोड़ हो चुकी है। प्रदेश की कुल आबादी के हिसाब से आंका जाए तो यह संख्या काफी कम है। उत्तर प्रदेश की आबादी लगभग 22 करोड़ है।
कितना कारगर है रेमडेसिवीर इंजेक्शन?
रेमडेसिवीर इंजेक्शन को भारत में कोरोना मरीजों के बचाव के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि, यह कितना कारगर है, इसका कोई पैमाना नहीं है। डब्लूएचओ का एक एक्सपर्ट् पैनल का कहना है कि, कोविड के ट्रीटमेंट में “रेमडेसिवीर” के इस्तेमाल का कोई सार्थक प्रभाव नहीं है। पैनल ने चेताया है कि, इसके फायदे उतने नहीं होते, जैसी कि उम्मीदें हैं। पैनल ने निष्कर्ष निकाला है कि आंतरिक रूप से दिए गए “रेमडेसिवीर” का मरीजों के लिए ज्यादा फायदेमंद होने की बात गले नहीं उतरतीं। न ही इससे मृत्यु दर कम की जा सकती हैं। वहीं, भारत की संस्थाएं मानती हैं कि इस दवा का सकारात्मक असर पड़ता है।