मध्य प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए बनेगी कमिटी

एक बार फिर सीएम शिवराज सिंह चौहान के सख्त तेवर देखने को मिले जब उन्होने मंच से सेंधवा जनपद सीईओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। वो बड़वानी के सेंधवा में चाचरिया गांव में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। सीईओ राजेंद्र दीक्षित के खिलाफ पीएम आवास योजना में लापरवारी और अन्य शिकायतें मिली थी। यहां मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि ‘मैं देश में समान नागरिक संहिता लागू करने का पक्षधर हूं। मध्यप्रदेश में भी हम कमेटी बना रहे हैं।’

समान नागरिक संहिता को लेकर मध्य प्रदेश में बनेगी कमेटी

सीएम ने सभा को संबधित करते हुए कहा कि ‘कई बार बड़े खेल हो जाते हैं। खुद जमीन नहीं ले सकते तो कई आदिवासी ने नाम से जमीन ले ली। कई बदमाश ऐसे भी आ गए जो आदिवासी बेटी से शादी करके उसके नाम से जमीन ले लेते हैं। आज मैं जागरण की अलख जगाने आया हूं। बेटी से शादी की और जमीन ले ली। मैं तो इस बात का पक्षधर हूं कि भारत में अब समय आ गया है एक समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। एक से ज्यादा शादी क्यों करें कोई। एक देश में दो विधान क्यों चले। एक ही होना चाहिए। मध्य प्रदेश में भी मैं कमेटी बना रहा हूं। समान नागरिक संहिता..एक पत्नी रखने का अधिकार है, तो एक ही पत्नी सबके लिए होनी चाहिए।’

क्या है समान नागरिक संहिता कानून

समान नागरिक संहिता में सभी लोगों पर एक कानून लागू होगा, फिर चाहे वो किसी भी धर्म का क्यों न हो। अभी देश में अलग अलग धर्मों के रीति रिवाज और परंपरा पर आधारित पर्सनल लॉ बने हुए हैं। खासकर शादी, तलाक, विरासत, गोद लेना, गुजारा भत्ता जैसे मामलों में। समान नागरिक संहिता का अर्थ एक सेक्युलर कानून से है, जो सबपर समान रूप से लागू हो। अलग अलग धर्म और पंथों के लिए अलग सिविल लॉ नहीं होना ही इसकी मूल भावना है।

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