चंडीगढ़: देश के इंटरनेशनल बॉर्डर वाले इलाकों में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का पंजाब (Punjab) की कांग्रेस सरकार और शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने विरोध किया है. दोनों दलों ने इस फैसले को संघीय ढांचे पर हमला बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है.
संघीय ढांचे पर सीधा हमला- सीएम चन्नी
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं BSF को इंटरनेशल बॉर्डर वाले इलाकों में एक्सट्रा पावर दिए जाने का विरोध करता हूं. यह देश के संघीय ढांचे पर सीधा हमला है. मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह करता हूं कि वे इस फैसले को तुरंत वापस लेने की घोषणा करें.’
पंजाब पर इंटरनेशनल इमरजेंसी- SAD
वहीं शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रवक्ता दल के प्रवक्ता और पंजाब के पूर्व मंत्री डॉ दलजीत सिंह चीमा (Dr. Daljit Cheema) ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई है. चीमा ने कहा कि इस फैसले के जरिए पंजाब (Punjab) में इंटरनल इमरजेंसी थोंप दी गई है.
अधिकार क्षेत्र बढ़ाकर 50 किमी किया गया
बताते चलें कि अभी तक सीमा सुरक्षा बल (BSF) को देश के इंटरनेशल बॉर्डर वाले इलाकों में 15 किलोमीटर तक तलाशी और गिरफ्तार का अधिकार था. केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने अब इस दायरे को बढ़ाकर 50 किमी कर दिया है यानी अब देश की अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किमी अंदर तक के इलाके में सीमा सुरक्षा बल (BSF) तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी कर सकेगा.
तस्करों- उग्रवादियों के खिलाफ मिली पावर
केंद्र सरकार ने सीआरपीसी, Passport Act and Passport (Entry to India) Act के तहत BSF को ये करवाई करने का अधिकार दिया है. केंद्र के इस फैसले से बीएसएफ को पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में तस्करों और उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने में मदद मिलेगी. इन 3 राज्यों के अलावा जिन स्टेट के बॉर्डर एरिया पर बीएसएफ की तैनाती होगी, वहां पर भी वह इस अधिकार का इस्तेमाल कर सकेगा.