कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के जम्मू में जमावड़े को लेकर राजधानी दिल्ली में भी हलचल तेज हो गई। खबरों की माने तो कांग्रेस के जी-23 नेताओं के गोलबंद होने से राहुल गांधी खेमा नाखुश है। उनका मानना है कि विधानसभा चुनावों में प्रचार की बजाय वरिष्ठ नेता अपनी शिकायतों को ज्यादा अहमियत दे रहे हैं जबकि राहुल गांधी पार्टी को मजबूत करने के लिए जमीन पर मेहनत कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार वरिष्ठ नेताओं के इस कदम से राहुल गांधी खेमे के लोगों ने कांग्रेस की उम्मीदों को झटका लगने की आशंका व्यक्त की है। उनका मानना है कि इस मोर्चाबंदी को कांग्रेस के वफादार सिपाहियों द्वारा कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही राहुल गांधी खेमे के लोगों ने इससे बीजेपी को ही फायदा होने की संभावना जताई है।
असंतुष्ट नेताओं को सिंघवी का जवाब
अभिषेक मनु सिंघवी ने सभी को कांग्रेस परिवार का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि हम सभी की इज्जत करते हैं। कांग्रेस पार्टी समझती है कि जब पांच प्रांतों में चुनाव हो रहे हैं, जिसमें कांग्रेस संघर्ष कर रही है। ज्यादा उपयुक्त होता कि ये सभी नेता इन प्रांतों में अभियान करते। सिंघवी ने कहा कि गुलाम नबी आजाद सात बार सांसद रहे हैं। गुलाम नबी आजाद को सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री बनाया था। आजाद ने इससे पहले कभी शिकायत नहीं की थी।