कांग्रेस अध्यक्ष का पद एक संगठन का नहीं, विचारधारा का है: राहुल गांधी

एर्नाकुलम (केरल)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा की सफलता कुछ विचारों पर आधारित है। पहला विचार यह है कि एक भारत अखंड खड़ा है, अपने आप से युद्ध में नहीं है, अपनों से नाराज नहीं है, नफरत से भरा नहीं है। यह (यात्रा) कुछ ऐसा है जिसकी अधिकांश भारतीय लोग सराहना करते हैं और पसंद करते हैं।

राहुल ने कहा कि दो अन्य विचार भी हैं जो यात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं। एक है बेरोजगारी का स्तर, जिसका सामना आज भारत कर रहा है। तीसरा मुद्दा कीमतों का है। ये तीन विचार हैं जो यात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं और प्रोत्साहित कर रहे हैं। ये विचार आपस में जुड़े हुए हैं।

देशभर में PFI पर एक्शन को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि सांप्रदायिकता के मामले में जीरो टॉलरेंस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम एजेंसियों पर कब्जे करने वालों से लड़ रहे हैं। जो नफ़रत देश में दिख रही है, वह ठीक नहीं है।

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का पद एक संगठन का नहीं, विचारधारा का है।कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव पर राहुल गांधी ने ये भी कहा कि मैं अपने रुख पर कायम हूं। कांग्रेस अध्यक्ष पद एक विचारधारा का प्रतीक है, जो भी अध्यक्ष बने, पता होना चाहिए कि वह भारत के लक्ष्य का प्रतिनिधित्व कर रहा है।

कांग्रेस अध्यक्ष को दी जाने वाली सलाह वाले सवाल पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि आप एक ऐतिहासिक स्थान ले रहे हैं। एक ऐसा स्थान जो भारत के एक विशेष दृष्टिकोण को परिभाषित करती है। कांग्रेस अध्यक्ष सिर्फ एक संगठनात्मक पद नहीं है बल्कि यह एक वैचारिक पद है, इसलिए मेरी सलाह है कि जो कोई भी कांग्रेस का अध्यक्ष बने, उसे यह याद रखना चाहिए कि वह एक विचारधारा, एक विश्वास प्रणाली और भारत की दृष्टि का प्रतिनिधित्व करेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here