पेट्रोल-डीजल और LPG की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन

पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के खिलाफ झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ० रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में शुक्रवार को राज्यभर के पेट्रोल पंप के सामने कांग्रेस कार्यकत्तार्ओं ने सांकेतिक रूप से विरोध प्रदर्शन किया। 

राजधानी रांची के बरियातु स्थित पेट्रोल पंप पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ० उरांव खुद कोरोना गाइडलाइन को लेकर सरकार से जारी दिशा-निदेर्श का पालन करते हुए करीब दो घंटे तक आयोजित सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर वरिष्ठ नेता प्रदीप तुलस्यान, पूर्व विधायक गीताश्री उरांव, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ,डा राजेश गुप्ता छोटू, राजेश सिन्हा सन्नी और वरिष्ठ नेता मदन मोहन शमार्,एनएसयूआई के नेशनल कोर्डिनेटर शारीक अहमद,जयन्त जयपाल सिंह मुण्डा समेत अन्य नेता मौजूद थे। 

इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ उरांव ने चेतावनी देते हुए कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी से अन्य सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमत में भी वृद्धि होती है और यदि इस पर शीघ्र अंकुश नहीं लगाया गया, तो पूरे देश में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सात साल पहले 2014 में जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत 145 प्रति डॉलर थी, उस वक्त देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत 70 रुपये से नीचे थे, लेकिन आज जब क्रूड ऑयल की कीमत 73 है तो पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के करीब पहुंच गयी है। यही भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के सात साल के कार्यकाल में विकास का नमूना है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गरीबों के विकास की बात पूरी तरह से बेकार साबित हुई है। यह सरकार सिर्फ मुनाफाखोरी और व्यापारियों को मदद पहुंचाने का काम कर रही है, लोग यह कहते है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे अच्छे दोस्त अडाणी है और वह दिन दूर नहीं है, जब वे दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में अग्रणी होंगे। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के एक सिपाही की हैसियत से यहां खड़े हैं। 

कहा कि बढ़ती महंगाई के कारण आज जब पानी सिर से ऊपर गुजरने लगा तो पार्टी के तमाम नेता-कार्यकर्ता कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए देशभर के पेट्रोल पंपों के समक्ष सांकेतिक रूप से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा नेताओं को यह मालूम नहीं है कि लोग किन कठिनाइयों से गुजर रहे है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत बढ़ने से ट्रांसपोटेशन चार्ज बढ़ जाता है और हर चीज महंगी हो जाती है।

दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं होगा, जिसने विकास का यह मॉडल अपनाया होगा। डॉ  उराँव ने कहा इतना ही नहीं संघीय ढांचे में केंद्र सरकार वैक्सीनेशन का खर्च वहन करती रही है आज पहली बार राज्यों को वैक्सीन खरीदना पड़ रहा है, लोगों के दबाव में वापस लेना पड़ा किंतु गलत परंपरा की शुरुआत प्रधानमंत्री जी ने की।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि देश सिर्फ कोरोना ही नहीं, बल्कि भाजपा निर्मित आपदा “महंगाई” का भी सामना कर रहा है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच भाजपा ने पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाकर “लूट” को अवसर बनाकर भुनाया है। उन्होंने कहा कि महाबारी के बाद से ही भारत में पेट्रोल-डीजल की अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी हुई हैं। इन 13 महीनों में पेट्रोल की कीमत में 26.7० रुपये और डीजल की कीमत में 25.०2 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती सिर्फ चुनावी अवसरों पर होती हैं। चुनावी प्रचार से फुर्सत मिलते ही “भाजपाई लूट” फिर से प्रारंभ हो जाती है। ये कैसी भाजपाई लूट है-जो सिर्फ चुनावी अवसरों पर रूक जाती है। इस वर्ष जनवरी महीने में पेट्रोल की कीमत में 10 बार और डीजल की कीमत में 16 बार की वृद्धि हुई। 27 फरवरी को चुनाव की घोषणा होने पर मार्च में तीन और अप्रैल में 1 बार कीमत में कटौती की गयी, लेकिन चुनाव खत्म ही कीमत में वृद्धि फिर चालू हो गयी। मई महीने में 16 बार और जून महीने में पांच बार अब तक कीमत में वृद्धि हो चुकी है।

प्रदेश प्रवक्ता डॉ० राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम कम है, ऐसे में कीमत में बढ़ोत्तरी अवैध वसूली जैसा कृत्य है। यूपीए सरकार में 1 जून 2013 को कच्चे तेल की कीमत 111.11 डॉलर प्रति बैरल थी, जबकि 8 जून 2021 को यह कीमत 69.79 रुपये प्रति बैरल है। जबकि 1 जून 2013 को देश में पेट्रोल की कीमत 63.99 रुपये और डीजल की कीमत 50.29 रुपये प्रति लीटर थी थी, लेकिन अब पेट्रोल की कीमत 95.31 और डीजल की कीमत 86.22 रुपये प्रति लीटर है।

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