डॉ.भीमराव आंबेडकर विवि का दीक्षांत समारोह: राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को दिए पदक

आगरा के डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का 86वां दीक्षांत समारोह मंगलवार को खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में हुआ। इसमें राज्यपाल (कुलाधिपति) आनंदीबेन पटेल ने लीक से अलग हटते हुए अपने भाषण में विश्वविद्यालय की अनियमितताओं और डिग्री के लिए परेशान छात्रों को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई। 


राज्यपाल ने कहा कि लाखों डिग्रियां कैसे पेंडिंग पड़ी हुई हैं। फर्जी डिग्रियां पाई गईं। 5000 फर्जी डिग्रियों का मामला हाईकोर्ट में चला। क्या उसकी जिम्मेदारी हम पर नहीं है ? अधिकारी अब प्रण लें कि एक भी डिग्री फर्जी नहीं होनी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पहली नौकरी से लेकर अब तक 30-30 साल से शिक्षक बने हुए हैं लेकिन कोई बदलाव नहीं ला पाए। विश्वविद्यालय के भले के लिए कोई काम नहीं किया। एनआईआर रैंकिंग में कॉलेज पीछे हैं। हर विश्वविद्यालय से 800-900 कॉलेज जुड़े हैं लेकिन नैक की रैंकिंग में दो या तीन ही आ रहे हैं।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में पांच इमारतों का उद्घाटन किया लेकिन क्वालिटी एजुकेशन के लिए क्या प्रयास किए यह नहीं बताया। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति से कहा कि अध्यापकों की पदोन्नति में गड़बड़ियां की गईं। ऐसी 300 अनियमित फाइल उनके पास पड़ी हुई हैं। 

अब जिसने गड़बड़ी की है उसे सजा मिलेगी। जिसके आखिरी साइन फाइल पर होंगे उसकी जवाबदेही होगी। शिक्षक लेक्चर लेकर घर ना चले जाएं। इसके लिए समिति बनाकर उन्हें कई जिम्मेदारियां दें। कुलपति नैक की रेटिंग के लिए प्रयास नहीं करते हैं।

‘पांच गांव गोद लेकर महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन दें’
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति से कहा कि पांच गांव को गोद लेकर महिलाओं की समस्याओं को दूर करें। स्वयं सहायता समूह से जो महिलाएं जुड़ी हैं वह क्या काम कर रही हैं उन्हें सुनिए और उनके द्वारा किए जा रहे बदलाव को जानिए। 

उन्होंने गुजरात के लिज़्ज़त पापड़ का उदाहरण देकर कहा कि कभी आठ महिलाओं ने पापड़ का काम शुरू किया था, जिससे अब 80000 महिलाएं जुड़ी हैं। लिज्जत की तरह उत्तर प्रदेश और आगरा में भी कई स्वयं सहायता समूह ऐसे काम कर रहे हैं। उनके साथ बैठेंगे तो प्रेरणा मिलेगी। इसी तरह के हॉल में बिठाकर उनकी बातें सुने। अच्छे विचार आएंगे तो उनको आगे बढ़ाएं।

राज्यपाल ने कहा कि नदियां निर्मल हो इसके लिए विश्वविद्यालय प्रयास करें। यमुना नदी की अनदेखी की जा रही है। कम से कम अपनी यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए एक दिन जाकर सफाई करें और पौधे लगाएं। हर महीने एक कार्यक्रम ऐसा किया जाए। यमुना अच्छी होगी तो यहां आने वाले लाखों पर्यटक भी प्रसन्न होंगे। 

उन्होंने विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में पदक लेने वाले छात्रों से आह्वान किया कि वह अपनी विदाई के साथ समाज की बेहतरी के लिए योगदान देंगे। सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत अंबेडकर विश्वविद्यालय एक-एक गांव गोद लेकर आर्थिक विकास में अपना योगदान दें। महिला विकास, टीबी, स्वच्छता समेत मुद्दों को पाठ्यक्रम में शामिल करें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल भाव भी यही है। जो समाज को बदलाव लाए।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालयों में शोध कार्य ना होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अनुसंधान और शोध कार्य नहीं हो रहे हैं। इन्हें प्रभावी और प्रमाणिक तरीके से कराया जाए। इसके लिए युवा आगे आए और शैक्षणिक सामाजिक बदलाव में शोध का उपयोग करें। 

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