अदालत ने हत्या मामले में 23 साल बाद मां-बेटों को सुनाया आजीवन कारावास

शामली के खोड़समा गांव में 23 साल पहले गेहूं की थ्रेसिंग के दौरान किसान की हत्या के मामले में आरोपी मां और दो बेटों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-चार के पीठासीन अधिकारी गोपाल उपाध्याय ने फैसला सुनाया।

झिंझाना थाना क्षेत्र के खोड़समा गांव में 19 अप्रैल 1999 को किसान जरनैल सिंह अपने खेत में गेहूं की थ्रेसिंग करा रहा था। इसी दौरान विपक्षी बिशन सिंह पक्ष ने उनके ऊपर हमला बोल दिया। वहीं झगड़े में जरनैल के परिवार के किसान रणजीत सिंह की मौत हो गई। झिंझाना थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।

सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रेणू शर्मा ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-चार के पीठासीन अधिकारी गोपाल उपाध्याय ने फैसला सुनाया। आरोपी ओमपाल व रामनिवास पुत्र बिशन और धन्नो पत्नी बिशन को धारा 302 में आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। धारा 307 में अभियुक्तों को सात-सात साल की सजा और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 148 में दो-दो साल का कठोर कारावास से दंडित किया गया।

ट्रायल के दौरान इनकी हो गई मौत
मुकदमे में आरोपी बनाए गए बिशन पुत्र तुलसी, चुन्नीलाल पुत्र तुलसी, रामशरण पुत्र बिशन की मुकदमे के ट्रायल के दौरान मौत हो गई।

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