महिला कांस्टेबल की शिकायत पर खजान सिंह के खिलाफ रेप के आरोपों के तहत FIR दर्ज की गई है. खजान सिंह CRPF के साथ DIG स्तर के अधिकारी हैं और वह 1986 के एशियाई खेलों में रजत पदक जीत चुके हैं. साथ ही वह अर्जुन पुरस्कार (Arjuna Award) विजेता भी हैं.
कुश्ती में कई पदक जीतने वाली केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 30 वर्षीय कांस्टेबल (Constable) ने टीम के कोच सुरजीत सिंह और मुख्य खेल अधिकारी (चीफ स्पोर्ट्स ऑफिसर) खजान सिंह पर बलात्कार, यौन उत्पीड़न और शिकायत ना करने की धमकी देने का आरोप लगाया है. शिकायतकर्ता 2010 में एक कांस्टेबल के रूप में CRPF में शामिल हुई थीं और तब से उन्होंने कुश्ती टीम के लिए खेलते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में कई पदक जीते हैं.
पुलिस ने बताया कि तीन दिसंबर को बाबा हरिदास नगर पुलिस स्टेशन में दोनों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. DCP (द्वारका) संतोष मीणा ने कहा है शिकायत मिलने के बाद आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है.
आरोपी है अर्जुन पुरस्कार विजेता
CRPF के प्रवक्ता ने बताया कि महिला कांस्टेबल की शिकायत पर खजान सिंह के खिलाफ रेप के आरोपों के तहत FIR दर्ज की गई है. खजान सिंह CRPF के साथ DIG स्तर के अधिकारी हैं और वह 1986 के एशियाई खेलों में रजत पदक जीत चुके हैं. साथ ही वह अर्जुन पुरस्कार (Arjuna Award) विजेता भी हैं. CRPF ने महिला की इस शिकायत को गंभीरता से लिया है और आंतरिक शिकायत समिति (Internal complaint committee) का भी गठन कर दिया है. CRPF ने सख्त रुख अपनाते हुए मामले की तेजी से जांच शुरू कर दी है.
महिला कांस्टेबल ने लगाए ये आरोप
महिला कांस्टेबल ने अपनी शिकायत में यह आरोप लगाया है कि सुरजीत सिंह और खजान सिंह दोनों CRPF के भीतर एक सेक्स स्कैंडल चलाते हैं, जिसमें उनसे कई लोग जुड़े हुए हैं और वे महिला कांस्टेबलों का यौन उत्पीड़न करते हैं. साथ ही उन्होंने गुप्त रूप से वीडियो बनाकर और तस्वीरें लेकर ब्लैकमेल करने का भी आरोप लगाया. कांस्टेबल ने कहा कि उनके साथ दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर तीन साल से भी ज्यादा समय तक रेप किया गया. साथ ही शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी भी गई.
राष्ट्रीय महिला आयोग से भी की शिकायत
महिला कांस्टेबल ने कहा, “मैंने साल 2014 में महानिरीक्षक (CRPF) के सामने शिकायत भी दर्ज कराई थी, लेकिन आरोपियों ने शिकायत वापस लेने के लिए मुझे मजबूर किया था. दबाव के चलते मैंने शिकायत वापस ले ली थी. फिर साल 2017 में मुझे बदनाम करने की भी कोशिश की गई. लेकिन उसी दौरान एक अन्य महिला कांस्टेबल द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज किए जाने के बाद मुझे एक गवाह के रूप में बुलाया गया था.”
उन्होंने कहा, “मैंने इस बात की भी गवाही दी कि सुरजीत सिंह और खजान सिंह ने कई मौकों पर मेरा यौन उत्पीड़न किया, लेकिन मेरा बयान दर्ज नहीं किया गया.” महिला ने बताया कि उन्होंने इस बारे में राष्ट्रीय महिला आयोग को भी पत्र लिखा है.