- सबका नंबर आएगा, ठगी के लिए खरीद रहे ग्राहकों का डाटा, लिंक बेच रहे कर्मचारी
(विकास सिंह/कन्हैया लाल) 22 राज्यों की पुलिस जामताड़ा की हर दिन खाक छान रही है। देश का शायद ही कोई ऐसा राज्य होगा, जहां यहां से साइबर ठगी के लिए फोन न गया हो। वह भी करमाटांड़ का करामाती मोबाइल कॉल। जामताड़ा का करमाटांड़ आज देश में साइबर क्राइम का अंडरवर्ल्ड बना हुआ है। करमाटांड़ से ही साइबर ठगी की पाठशाला नारायणपुर झिलुआ, सोनबाद के बाद जिले की सीमा से बाहर निकलकर धनबाद, देवघर, गिरिडीह, दुमका में शुरू हो गई है।
दैनिक भास्कर ने अपनी पहचान छुपाकर करमाटांड़, सोनबाद, नारायणपुर झिलुआ में साइबर ठगों के साथ पांच दिन साथ बिताए। इन्हें विश्वास में लिया कि हम मुंबई से आए हैं और शॉर्ट फिल्म बनाना चाहते हैं। मोबाइल-कैमरे के इस्तेमाल और आवाज की रिकॉर्डिंग नहीं करने का विश्वास दिलाया तो ठगी के नए ट्रेंड बताने पर राजी हो गए। बताया कि अब तो खाते से पैसे उड़ाने के लिए ओटीपी की भी जरूरत नहीं होती।
नया ट्रेंड: अभी ठगी के 2 सबसे बड़े हथियार
1. स्क्रीन शेयरिंग एप: साइबर ठग स्वास्तिक मंडल ने बताया कि वे लोगों से एनीडेस्क, टीमव्यूर और क्विकसपोर्ट जैसे स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड कराते हैं। फिर वे पीड़ित के फोन तक पहुंच बना उनके खाते से अपने खाते में पैसे ट्रांसफर करा लेते हैं। इसके लिए ओटीपी की भी जरूरत नहीं होती। पीड़ित को भी उस समय पैसे ट्रांसफर की बात पता नहीं चलती।
2. फर्जी ई-कॉमर्स इंटरनेट पेज: मुकुल ने बताया कि उसने ई-कॉमर्स कंपनी का फर्जी वेबपेज बना रखा है। जब भी कोई व्यक्ति शिकायत व अन्य सर्च के लिए कस्टमर केयर का नंबर खोजता है तो सर्च इंजन के पहले पेज पर उसका मोबाइल नंबर दिखता है। वह खुद ऑपरेटर बन शिकायत रिसीव करता है। स्क्रीन शेयर कराकर शिकायतकर्ता को ठग लेता है।
- धंधा बंगाल शिफ्ट हो रहा, जामताड़ा की बजाय ठग दुर्गापुर-आसनसोल में खरीद रहे फ्लैट
- साइबर ठगी के जनक ने कहा- पुलिस की सख्ती बढ़ी, गिरिडीह धनबाद नया ठिकाना
- झारखंड के मोबाइल सिम की जगह बंगाल के 24 परगना के एक्टिव सिम का कर रहे प्रयोग
- खास मोबाइल कंपनियों के सिम बंगाल से आकर धनबाद, देवघर, जामताड़ा गिरिडीह में देकर जाते हैं
साइबर ठगी के जनक सीताराम मंडल से पहली बार भस्कर की बात
पहले मोबाइल रिचार्ज के नाम पर ठगते थे, अब नए ट्रेंड आए, जिससे फांसना और आसान हो गया
सीताराम मंडल जामताड़ा में साइबर ठगी का जनक माना जाता है। पहली बार भास्कर उसके गांव सिंदरजाेरी पहुंचा और उससे बातचीत की। ये वही युवक है, जिसने यहां के युवाओं को ठगी की शिक्षा दी।
आप झारखंड में साइबर क्राइम के जनक माने जाते हैं? ठगते कैसे हैं?
ऐसा नहीं है…अब ताे इस लाइन में और भी कई लोग आ गए हैं, जो डाटा और लिंक तक खरीद रहे हैं। पहले मोबाइल रिचार्ज के नाम पर ठगते थे, लेकिन अब नए-नए तरीके आ गए हैं जिससे लोग आसानी से फंस जाते हैं।
जेल कितनी बार गए?
-जामताड़ा में दाे बार। दिल्ली, हैदराबाद और पंजाब में भी जेल जा चुका हूं। फिलहाल जमानत पर हूं।
फिल्म में बताैर हीराे काम करेंगे?
-हीराे बनने के लिए मुंबई से ऑफर आ चुका है। फिलहाल ऐसा काेई इरादा नहीं है।