झारखंड में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) को हथियार मुहैया कराने वाले डीलर को विशेष अदालत ने 15 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी लंबे फरार समय से फरार है। एनआईए की विशेष अदालत ने बिहार औरंगाबाद के मंटू शर्मा के खिलाफ यह आदेश पारित किया। मंटू शर्मा को विभिन्न मामलों में दोषी पाया गया है। एनआईए ने कहा कि जांच में सामने आया कि मंटू शर्मा अवैध रूप से सीपीआई (एम) के सदस्यों को हथियार और गोला बारूद बेचने में शामिल है। एनआईए लंबे समय से उसे पकड़ने का प्रयास कर रही है।
एनआईए के प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) की हथियार और गोला-बारूद आपूर्ति इकाई के सदस्य प्रफुल्ल कुमार मालाकार को गिरफ्तार किया था। उसके पास से एक यूएसए निर्मित एम-16 राइफल, 14 जिंदा राउंड, दो सेलफोन और एक बुलेट प्रूफ जैकेट जब्त किया गया था। मालाकार से पूछताछ के बाद अन्य आरोपी अनिल कुमार यादव और एक समूह के बारे में जानकारी मिली। ]
एनआईए ने अनिल कुमार यादव को गिरफ्तार किया। उसके पास एक 9एमएम पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस, 9 लाख रुपये नकद और दो सेलफोन पाए गए। मंटू, यादव और मालाकार के करीबी संपर्क में था।
एनआई के प्रवक्ता ने कहा कि सीपीआई (माओवादी) का जोनल कमांडर यादव मालाकार से हथियार खरीदने जा रहा था, तभी उसे पकड़ लिया गया। एनआईए ने 2014 और 2017 के बीच मालाकार, यादव और मंटू के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। इसके बाद मालाकार और यादव को दिसंबर 2024 में एनआईए विशेष अदालत ने दोषी ठहराया और 15 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
इसके बाद विशेष अदालत ने 10 मार्च को फरार चल रहे मंटू के खिलाफ कठोर कारावास और जुर्माने की कई सजा सुनाई। उसे विभिन्न आरोपों में तीन से 15 साल तक सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। झारखंड पुलिस ने अगस्त 2012 में सिलोदर वन क्षेत्र में छापेमारी के दौरान सीपीआई (माओवादी) मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। इसके चार महीने बाद एनआईए ने जांच अपने हाथ में ली थी।