पंचायत का फरमान: किसान आंदोलन में न जाने पर 300 रूपये जुर्माने के साथ सामाजिक बहिष्कार

पंजाब में पंचायतें किसान आंदोलन को लेकर नए-नए प्रस्ताव पास कर रहीं हैं। बठिंडा के गांव विर्क खुद के बाद कई और गांवों में पंचायतों ने किसान आंदोलन के समर्थन में प्रस्ताव पास किया। इन प्रस्तावों में हर घर से लोगों को किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए कहा गया है। अगर कोई आंदोलन में नहीं गया तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं कुछ पंचायतों ने तो सामाजिक बहिष्कार तक की भी बात कही है। 

अब नया प्रस्ताव पंजाब के संगरूर जिले की एक पंचायत ने पास किया है। प्रस्ताव के मुताबिक किसान आंदोलन में शामिल न होने वाले व्यक्ति को 300 रुपये का फंड देना होगा। गांव तोलावाल की पंचायत ने प्रस्ताव पास कर फरमान जारी किया है कि हर घर से एक व्यक्ति किसान आंदोलन में शामिल होगा और ऐसा न करने वाले को 300 रुपये प्रति दिन फंड देना पड़ेगा।

जानकारी के मुताबिक गुरुवार को गांव तोलावाल में गांव के सरपंच मेवा सिंह के नेतृत्व में ग्रामीण एकत्रित हुए और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन पर चर्चा की। साथ ही पंचायत ने प्रस्ताव पास किया और फरमान जारी किया कि गांव के प्रत्येक घर से एक किसान आंदोलन में आवश्यक तौर पर शामिल होगा। जो व्यक्ति आंदोलन में जाएगा, वह एक सप्ताह तक वहां रहेगा, ताकि केंद्र सरकार के खिलाफ चल रहे आंदोलन को मजबूत किया जा सके। 

उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति किसान आंदोलन में शामिल नहीं होगा, उसे 300 रुपये प्रति दिन के हिसाब से फंड देना पड़ेगा। सरपंच मेवा सिंह ने कहा कि पंचायत की तरफ से पास प्रस्ताव को गांव वासियों ने हाथ खड़ाकर स्वीकार किया और आंदोलन में पूर्ण सहयोग देने की बात कही। 

उन्होंने कहा कि प्रस्ताव में यह भी पारित किया गया है कि आर्थिक तौर पर कमजोर, बीमार और कोई अन्य मजबूरी है तो उस व्यक्ति की मजबूरी को समझा जाएगा और उससे फंड वसूल नहीं किया जाएगा। अगर कोई जानबूझकर किसान आंदोलन में जाने से इंकार करेगा तो उसे किसान हितैषी न मानकर उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। इस दौरान जगराज सिंह, निर्मल सिंह पूर्व सरपंच, अजैब सिंह, संधू, मनजीत सिंह सदस्य, बलौर सिंह, हाकम सिंह सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।

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