कोर्ट ने बेरोजगार महासंघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार की जमानत रद्द करने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को स्वीकार करते हुए पुलिस के प्रार्थनापत्र को खारिज कर दिया। पिछले दिनों पुलिस ने तमाम कारण बताते हुए पंवार की जमानत को रद्द कराने की मांग की थी। उसके बाद कोर्ट ने दो तिथियों में बचाव और अभियोजन पक्ष को सुना था।
गत नौ फरवरी को गांधी पार्क के पास हुए प्रदर्शन और पथराव के आरोप में बॉबी पंवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसके तीन दिन बाद कोर्ट ने उसे सशर्त जमानत दे दी थी। शर्तें थीं कि बॉबी पंवार किसी उग्र और बिना अनुमति वाले प्रदर्शन व आंदोलन में भाग नहीं लेगा।
पुलिस तब से उसकी निगरानी कर रही थी। इसी बीच वह विभिन्न आंदोलन में भाग लेने के लिए कई जिलों में गया था। इसी को आधार बनाते हुए पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में बॉबी पंवार की जमानत रद्द कराने के लिए प्रार्थनापत्र दिया था। इस पर दोनों पक्षों के बीच दो तिथियों में बहस हुई।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता मनमोहन कंडवाल और शिवा वर्मा यह साबित करने में सफल रहे कि बॉबी पंवार ने किसी उग्र आंदोलन में भाग नहीं लिया है। वह जिन आंदोलन में गया था वह सब शांतिपूर्वक थे और प्रशासन की अनुमति से हुए थे। इस पर सीजेएम कोर्ट ने पिछली तिथि को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस क्रम में मंगलवार को कोर्ट ने पुलिस के प्रार्थनापत्र को रद्द करते हुए बॉबी पंवार की जमानत को जारी रखने के आदेश दिए हैं।