देश के स्वदेशी तौर पर विकसित पहले कोविड रोधी टीके कोवाक्सीन के छह से 12 साल के बच्चों में नैदानिक परीक्षण के लिए मंगलवार को यहां एम्स में नामांकन शुरू होगा। इसके बाद दो से छह साल के आयु वर्ग के बच्चों पर नैदानिक परीक्षण किया जाएगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 12-18 आयुवर्ग के स्वयंसेवकों के नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और उन्हें कोवाक्सीन की पहली खुराक दी गई है।