कजाखस्तान में प्रदर्शन के दौरान 18 पुलिसकर्मियों, कई प्रदर्शनकारियों की मौत

कजाखस्तान में ईंधन की बढ़ी कीमतों के बाद शुरू हिंसक प्रदर्शन सरकार के इस्तीफे के बाद भी जारी रहा। राष्ट्रपति द्वारा लगाए गए आपातकाल के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने देर रात तक सरकारी इमारतों पर हमले किए जिसमें दर्जनों लोग मारे गए हैं। वहीं कजाख राष्ट्रपति की मदद के लिए रूस द्वारा भेजे गए शांतिरक्षकों के बाद अल्माटी शहर में हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति व अल्माटी के मेयर आवास में तोड़फोड़-आगजनी भी की। 

पुलिस ने बताया कि इन हिंसक झड़पों में अब तक 18 पुलिस वाले मारे गए हैं जबकि एक का शव सिर कलम किया हुआ मिला। पुलिस की प्रवक्ता सल्तनत अजीरबेक ने बृहस्पतिवार को बताया कि अल्माटी में इमारतों पर धावा बोलने के प्रयास के दौरान दर्जनों हमलावरों को मार गिराया गया। देश के पश्चिम में शुरू हुआ प्रदर्शन अल्माटी और राजधानी नूर-सुल्तान तक फैल गया है। 

रूस ने बयान जारी कर कहा कि वह कजाखस्तान और सहयोगियों के साथ कजाख आतंकवाद विरोधी अभियान का समर्थन करने के लिए कदम उठाएगा और टोकायव के इस दावे को दोहराया कि विद्रोह विदेशी प्रेरित था। हालांकि अभी तक इसके कोई सबूत नहीं मिले हैं कि इन प्रदर्शनों के पीछे किसी विदेशी ताकत का हाथ है। साथ ही मॉस्को ने यह खुलासा नहीं किया कि उसने शांति कायम करने के लिए कितने सैनिक भेजे हैं और उनकी क्या भूमिका रहेगी। 

इमारत में लगा दी आग
प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आवास पर तोड़फोड़ की और अल्माटी के मेयर के आवास पर कब्जा करने की कोशिश करते हुए इमारत में आग लगा दी गई। तीन दशक पहले आजादी हासिल करने के बाद से कजाखस्तान सबसे भीषण प्रदर्शनों का सामना कर रहा है। 

कड़ाके की सर्दी में पानी की बौछार
कजाखस्तान के सबसे बड़े शहर अल्माटी में देर रात तक हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर गोलियां भी चलानी पड़ीं। इससे पहले गैस की मूल्य वृद्धि का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पुलिस ने ठंडे पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। बता दें, कजाखस्तान में इन दिनों भीषण सर्दी पड़ रही है। सरकारी इमारतों पर कब्जे के बाद राष्ट्रपति ने प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों को आतंकी करार दिया।

इंटरनेट ब्लैकआउट जैसे हालात
पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच इस हिंसक झड़प में करीब 300 लोग घायल हुए हैं। हालांकि कजाखस्तान की सरकार ने हताहत हुए आम नागरिकों का कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है। वैश्विक निगरानी संगठन नेटब्लॉक्स ने कहा कि देश में व्यापक स्तर पर इंटरनेट ब्लैकआउट जैसा महसूस किया जा रहा है। फिलहाल कजाखस्तान में समाचार वेबसाइटों तक पहुंच बनाना भी मुश्किल हो गया है।

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