सीएम शिवराज महाकाल की तस्वीर के सामने झूठ बोलेंगे विश्वास नहीं था: कमलनाथ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल कॉरिडोर अब महाकाल लोक का उदघाटन करेंगे। इसके पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को उज्जैन में कैबिनेट बैठक की। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट से पहले अपने संबोधन में कहा कि महाकाल कॉरिडोर की परियोजना उनके कार्यकाल में 2016 में रखी गई थी। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर महाकाल की तस्वीर सामने रख झूठ बोलने का बड़ा आरोप लगाया है। बता दें मंगलवार को मुख्यमंत्री ने महाकाल की तस्वीर रख कर कैबिनेट बैठक की।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज के संबोधन पर पलटवार करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद थी कि आज तो इस बैठक में सच ही परोसा जाएगा। वही निर्णय लिए जाएगे, जो पूरे होने वाले होंगे। आज हमेशा की तरह बैठक के नाम पर झूठी घोषणाए व झूठे वादे जनता को नहीं परोसे जाएंगे, लेकिन आज भी इस बैठक में जमकर झूठ परोसा गया। कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज का नाम लेकर कहा कि बैठक में अपने संबोधन में शिवराज ने कहा कि महाकाल मंदिर के विकास व विस्तार की योजना पर उनकी सरकार ने काम शुरू किया था और सरकार बदलने के बाद यह काम सुप्तावस्था में चला गया। अब इससे बड़ा सफेद झूठ तो हो नहीं सकता है।

कमलनाथ ने कहा कि पूरे प्रदेश व उज्जैन की जनता गवाह है कि हमारी सरकार में हमने उज्जैन के महाकाल मंदिर के विकास व विस्तार की योजना पर काम शुरू किया था, यह सोच भी हमारी थी, यह परिकल्पना भी हमारी थी। कमलनाथ ने कहा कि 17 अगस्त 2019 को जब मैं मुख्यमंत्री था। महाकाल कॉरिडोर को लेकर मैंने मंत्रालय में एक अहम बैठक बुलायी थी, जिसमें हमने महाकाल मंदिर के विकास की योजना पर काम शुरू करने का निर्णय लिया था और इसको लेकर 300 करोड़ की योजना को मूर्त रूप दिया था। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर मैंने तीन मंत्रियों की एक समिति भी बनायी थी। जिसमें प्रदेश के तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री व उज्जैन के प्रभारी मंत्री सज्जन वर्मा, प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह और प्रदेश के आध्यात्मिक मंत्री पी सी शर्मा को इस कमेटी में शामिल किया था। प्रदेश के मुख्य सचिव को इस योजना की मॉनीटरिंग का जिम्मा सौंपा था। इस समिति ने एक सप्ताह के अंदर ही उज्जैन जाकर वहां पर जनप्रतिनिधियों, मंदिर समिति से जुड़े लोगों व स्थानीय जनता से चर्चा कर इस योजना पर उनके सुझाव लिए थे। हमारी सरकार ने सतत इस योजना पर काम किया और योजना को अंतिम रूप दिया। कई कार्यों को प्रारंभ भी कराया लेकिन हमारी सरकार बीच में ही गिरा दी गई।

कमलनाथ ने कहा हमने ना केवल उज्जैन के महाकाल मंदिर बल्कि ओंकारेश्वर मंदिर के विकास, ॐ सर्किट योजना, राम वन गमन पथ, माता सीता मंदिर के निर्माण की योजना पर भी काम प्रारंभ किया था। शिवराज जी, आपने तो हमारी सरकार के समय शुरू की गई इस योजना को बस आगे ही बढ़ाया है। आप भले हमें महाकाल मंदिर के सौंदर्यीकरण, विस्तार और विकास की योजना का श्रेय ना दे, हमें धन्यवाद ना दे लेकिन कम से कम भगवान महांकाल व जनता के समक्ष झूठ तो ना परोसे।

पूर्व सीएम ने कहा कि मैंने पहले दिन ही बैठक में ही कहा था कि महाकाल मंदिर के विकास, विस्तार व व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर एक सुनियोजित विकास वाली योजना बने क्योंकि महाकाल मंदिर के कारण हमारे प्रदेश व उज्जैन की पहचान आज पूरे विश्व में है। हमारी सरकार के समय शुरू की गयी इस योजना, उसकी स्वीकृति के सारे प्रमाण फ़ाइल में मौजूद है, शिवराज जी को एक बार उसे देख लेना चाहिये, शायद उसके बाद उम्मीद है कि वो इस मामले में झूठ बोलना बंद कर देंगे।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 18 वर्ष से भाजपा की सरकार हैं। महाकाल मंदिर की आपने इतने वर्षों में सुध नहीं की, यह तो हमारी सरकार की सोच थी कि करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक महांकाल मंदिर का विकास हो और हमने इसे मूर्त रूप देने का काम शुरू किया। आपकी सरकार तो आज तक शिप्रा नदी का जल ही शुद्ध नहीं कर पायी है, आज भी श्रद्धालुओं को स्नान के लिये शुद्ध जल नहीं मिल पाता है।

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