जिला प्रदर्शनी: योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट ‘एक जिला, एक उत्पाद’ पूरी तरह सिद्ध हुआ फ्लॉप शो

मुजफ्फरनगर। 10 दिसंबर को बेमौके आयोजित की गई जिला कृषि एवं औद्योगिक प्रदर्शनी के उद्घाटन का फीता काटने के बाद हमारे केंद्रीय राज्यमंत्री ने मुड़कर शायद ही नहीं देखा कि कृषि व उद्योग के नाम पर लगी प्रदर्शनी में नाच-रंग-मनोरंजन के अलावा नाम के अनुरूप भी कुछ हो रहा है या नहीं। दोनों राज्य मंत्रियों को सिर पर खड़े आम चुनावों के अलावा और किसी ओर ध्यान देने की फुर्सत नहीं है।

कृषि एवं उद्योग का नाम लेकर अब तक नुमाइश में भजन गायिका मैथिली ठाकुर, गायिका कनिका कपूर, निजामी बंधु कव्वाल, बॉलीवुड गायक कैलाश खेर के रंगीन कार्यक्रमों का आनंद अधिकारीगण, उनके परिवार व चाटुकार मंडली ले चुकी है। कवि सम्मेलन व मुशायरा भी होगा किंतु कृषि तथा उद्योग के नाम पर आयोजित प्रदर्शनी में इन दोनों पर कोई दमदार कार्यक्रम, गोष्ठी या वर्कशॉप नहीं संपन्न हुई। खेद है कि समस्त प्रदेश में उद्योग एवं कृषि को गति देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ पूरी तरह फ्लॉप शो सिद्ध हुआ, जबकि जिले के खांडसारी एवं गुड़ उद्योग से जुड़े लोगों की दो-तीन दिनों तक वर्कशॉप, सेमिनार आयोजित होनी चाहिए थीं जिनमें गन्ना उत्पादक, खांडसारी, गुड़ निर्माता, खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े लोगों को व कोल्हुओं व केन क्रशर्स में काम करने वाले कारीगरों की गोष्ठियां होनी चाहिए थी। कितना विद्रूप है कि प्रदर्शनी में इनके स्टॉल तो लगा दिये गए, प्रचार के लिए फोटोग्राफी भी करा ली गई किंतु इन स्टालों पर जानकारी के लिए एक शख्स भी मौजूद नहीं है। सभी स्टालों पर पर्दे पड़े हैं। यही स्थिति जिला उद्योग केंद्र, सामाजिक वानिकी प्रभाग तथा अन्य सरकारी विभागों की है।

अधिकारीगण तो नुमाइश की मौज मस्ती का आनंद लेकर और अपना कार्यकाल पूरा करके चले जायेंगे। जिम्मेदारी तो जनप्रतिनिधियों की बनती है कि देखें कृषि व उद्योग के नाम से आयोजित प्रदर्शनी में उद्योगों व कृषि के हित में क्या हुआ है या हो रहा है?

गोविंद वर्मा
संपादक देहात

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