सामाजिक कार्यकर्ता के साथ बदसलूकी और भ्रष्टाचार के दलदल में डूबा जिला अस्पताल !

मुजफ्फरनगर के सामाजिक कार्यकर्ता जन कल्याण उपभोक्ता समिति के अध्यक्ष मनेश गुप्ता एडवोकेट के साथ शनिवार 27 नवंबर को जो कुछ हुआ वह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण ही है, वरन् अति निन्दनीय भी है। अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाने पर उसे अभद्रता का नाम देकर उनके साथ अस्पताल कर्मियों ने न केवल ख़ुद अमर्यादित व्यवहार किया, वरन् भ्रष्टतंत्र की रक्षा को पुलिस बुलाकर उन्हें लपेटने का ओछा प्रयास भी किया गया।

न केवल भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में अपितु कांग्रेस, सपा-बसपा सरकारों के दौर में भी जिला पुरुष एवं महिला अस्पताल के स्टाफ व चिकित्सकों पर अवैध उगाही के आरोप लगते रहे हैं। बहुत पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता चंद्रपाल फौजी के साथ अस्पताल में बदसलूकी हुई थी, सामाजिक कार्यकर्ता मास्टर विजय सिंह के साथ यही हुआ। कोरोना काल में एक सभासद की पत्नी की मृत्यु पर आयुर्वेदिक तथा यूनानी तिब्बी चिकित्सा पद्धति बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. सुभाष चन्द्र शर्मा ने भी अस्पताल के नाकारापन की निंदा की थी।

जिला एवं महिला अस्पताल की कार्यप्रणाली दीर्घकाल से सवालों के घेरे में है। मनेश गुप्ता ने भ्रष्टाचार से पर्दा उठाने का साहस दिखाया तो उनको बेइज्जत करने का दुस्साहस हुआ। वे लंबे समय से आम लोगों के हित में संघर्षरत हैं। इस प्रकार के कुकृत्यों से घबराते नहीं क्योंकि उन्हें किसी से वोट नहीं चाहियें।

यह घटना सत्ताधारियों के लिए भी चुनौती है जो सुशासन का दम भरते हैं। जिले में दो-दो राज्यमंत्री हैं। क्या उनका कर्तव्य नहीं बनता कि वे जिला अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार के रोग का इलाज करायें?

गोविंद वर्मा
संपादक देहात

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here