दुधवा: बाघों की मौत पर सीएम योगी सख्त, जांच के आदेश

लखीमपुर खीरी के दुधवा में एक के बाद एक तीन बाघों की मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है। शुक्रवार को मैलानी रेंज में एक और बाघ का शव मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना और अपर मुख्य सचिव को तत्काल दुधवा नेशनल पार्क जाकर जांच करने और विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। वन मंत्री समेत सभी अधिकारी शुक्रवार रात ही दुधवा पहुंच गए। उधर, शासन ने अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी को मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पद से हटा दिया है। हालांकि प्रोजेक्ट टाइगर की जिम्मेदारी उनके पास ही बनी रहेगी।  

दुधवा में पहले 31 मार्च को एक बाघ मरा। स्थानीय अधिकारियों का पक्ष है कि यह बाघ आपसी संघर्ष में घायल होने के बाद मारा गया। बाघ के सभी अंग सुरक्षित बरामद हुए। इसलिए यह अवैध शिकार का मामला नहीं बनता। तीन जून को रामपुर ढकिया गांव में दूसरी बाघिन की मौत का करण डिहाइड्रेशन बताया गया था। वहीं शुक्रवार को मृत मिले तीसरे बाघ के बारे भी अफसर यह दावा कर रहे हैं कि पांच से छह साल के इस बाघ की मौत आपसी संघर्ष में हुई। इससे पहले पांच जून को एक तेंदुए का शव मिला था। 

मुख्यमंत्री ने तलब की जांच रिपोर्ट 

बाघों की मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच समिति गठित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना और अपर मुख्य सचिव के अलावा वन विभागाध्यक्ष ममता संजीव दुबे और प्रोजेक्ट टाइगर के प्रभारी सुनील चौधरी भी शुक्रवार रात दुधवा पहुंच गए। पत्रकारों से वार्ता में वन मंत्री ने कहा कि मैलानी रेंज में केवल एक बाघ की आपसी संघर्ष में मौत हुई है। जिसके शव को पोस्टमार्टम के लिए बरेली आईवीआरआई भेजा गया है। 

CM Yogi Adityanath ordered an inquiry into the death of tigers in Dudhwa

पिछले महीनों में बाघों की मौत के मामले में बोले कि दुधवा में पर्याप्त मात्रा में पानी और बाघों के लिए भोजन है। फिर भी यहां बाघों की मौत हो रही है। इसकी जांच की जाएगी। जांच में कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। पेड़ कटान की बात पर वनमंत्री बोले कि कि जहां पर पेड़ का कटान किया जा रहा है, वहां हमें लेकर चलें। ताकि हम भी देखें की अवैध रूप से पेड़ों का कटान कौन कर रहा है ?

मुख्यमंत्री द्वारा मामले का संज्ञान में लेने पर वनाधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। इससे वन विभाग में खलबली है। दुधवा में 10 दिनों के अंदर तीन बाघों की मौत चुकी है। कई इंसानों की भी जान गई है। किशनपुर सेंक्चुरी की मैलानी रेंज में शुक्रवार सुबह मिले बाघ के शव को लेकर अधिकारियों का दावा है कि आपसी संघर्ष में उसकी मौत हुई है। हालांकि सही स्थिति आईवीआरआई बरेली में पोस्टमार्टम होने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी। 

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