ईडी ने राणा अय्यूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में चार्जशीट दायर की

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ गाजियाबाद की एक अदालत में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की है. ईडी ने 2021 में यूपी पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच शुरू की थी. राणा अय्यूब पर राहत कार्यों के लए एनजीओ के फंड का दुरुपयोग करने का आरोप है. 

ईडी की चार्जशीट में कहा गया है कि राणा अय्यूब की मंशा जनता को धोखा देकर चैरिटी के नाम पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी करने की थी. 

ईडी का आरोप है कि राणा अय्यूब ने तीन कैंपेन शुरू किए थे और एक ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म केटो के जरिए करोड़ों रुपये जुटाए थे. जांच अधिकारियों का कहना है कि झुग्गी वालों, किसानों और असम, बिहार और महाराष्ट्र में राहत कार्यों के लिए तीन कैंपेन शुरू किए थे.

राणा अय्यूब को इन तीनों कैंपेन से 2.69 करोड़ रुपये की डोनेशन मिली थी, जिसमें से 80.49 लाख रुपये विदेशी मुद्रा में लिए गए.  

1.77 करोड़ रुपए जब्त 

बता दें कि फरवरी में मनी लॉन्ड्रिंग मामले प्रवर्तन निदेशालय ने पत्रकार राणा अयूब के 1.77 करोड़ रुपए जब्त किए थे. पत्रकार राणा अयूब के 1.77 करोड़ रुपये जब्त किए के बाद ईडी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने कथित तौर पर 3 अभियानों के लिए दिए गए दान का सही उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया. ईडी ने यह कदम उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर उठाया है.

विदेशी मदद मिली 

ईडी अधिकारियों ने बताया था कि राणा अय्यूब ने कोविड, बाढ़ राहत और प्रवासियों के लिए तीन ऑनलाइन अभियान शुरू किए थे. यह एक तरह की क्राउड फंडिंग थी. उन्हें FCRA की मंजूरी के बिना विदेशी योगदान मिला. हालांकि, इनकम टैक्स और ईडी की कार्रवाई के बाद पत्रकार राणा ने विदेशी चंदा वापस कर दिया. 

निजी खर्चों के लिए लिया चंदे का इस्तेमाल 

विदेशी चंदे की वापसी के बाद भी उनके पास लगभग 2 करोड़ रुपए थे, लेकिन कथित तौर पर केवल 28 लाख रुपए का उपयोग किया गया था. ईडी का कहना हि कि उन्होंने गोवा की यात्रा जैसे निजी खर्चों के लिए चंदे का इस्तेमाल किया.

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