पांच प्रदेशों में चुनाव की तारीख आ गई, जानें वोटिंग- काउंटिंग से जुड़ी की एक-एक डिटेल

चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया। शाम के साढ़े चार बजे चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। असम, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल और पुडुचेरी में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया। 

पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में चुनाव होंगे

पहला चरण- 27 मार्च 

दूसरा चरण- 1 अप्रैल 

तीसरा चरण- 6 अप्रैल

चौथा चरण- 10 अप्रैल

पांचवां चरण- 17 अपैल

छठा चरण- 22 अप्रैल

सातवां चरण- 26 अप्रैल

आठवां चरण- 29 अप्रैल

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 

6 अप्रैल को होंगे; मतगणना 2 मई को होगी।

केरल विधानसभा चुनाव- 6 अप्रैल को होंगे; मतगणना 2 मई को होगी।

असम विधानसभा चुनाव 3 चरणों में होंगे

प्रथम चरण का मतदान- 27 मार्च

दूसरे चरण का मतदान- 1 अप्रैल

तीसरे चरण का मतदान -6 अप्रैल को होगा

पुडुचेरी में चुनाव 6 अप्रैल को होंगे, मतगणना 2 मई को होगी। 

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि 2021 ने वैश्विक समुदाय की एकजुटता और आपसी समझ को फ्लेसिबल बनाया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए ये चुनाव होंगे। महामारी के बावजूद भी वोटर्स का पूरा ध्यान रखा जाएगा। चुनाव आयोग ने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद देश में चुनाव कराए गए। आयोग की टीम ने पांच राज्यों का दौरा किया। बिहार चुनाव के वक्त से ही बंगाल चुनाव की तैयारी की। बिहार में विधानसभा चुनाव सफलता के साथ हुआ। बिहार में 57 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया।

चुनाव कर्मियों को दी जाएगी कोरोना वैक्सीन

5 राज्यों की 824 विधानसभा में वोटिंग होगी और 18 करोड़ से ज्यादा मतदाता वोट डालेंगे। बंगाल में 1 लाख 1 हजार पोलिंग सेंटर्स होंगे। चुनाव कर्मियों को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। सभी चुनाव कर्मी फ्रंट लाइन वर्कर होंगे। चुनाव का वक्त एक घंटा बढ़ाया गया है। उम्मीदवार के साथ दो लोग नामांकन में जाएंगे। उम्मीदवार जमानत की रकम ऑनलाइन जमा करेंगे। बंगाल चुनाव के ऑब्जर्वर अजय नायक होंगे। एमके दास, विवेक दुबे बंगाल में पुलिस ऑब्जर्वर होंगे।

चुनाव केंद्र की संख्या बढ़ाई गई 

केरल में 2016 विधानसभा चुनाव में 24,890 चुनाव केंद्र थे, 2021 में चुनाव केंद्रों की संख्या 33,530 होगी। तमिलनाडु में 2016 विधानसभा चुनाव में 66,007 चुनाव केंद्र थे, 2021 में चुनाव केंद्रों की संख्या 88,936 होगी। केरल में पहले 21,498 चुनाव केंद्र थे, अब यहां चुनाव केंद्रों की संख्या 40,771 होगी। पश्चिम बंगाल में 2016 में 77,413 चुनाव केंद्र थे अब 1,01,916 चुनाव केंद्र होंगे।

पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल का चुनाव सबसे दिलचस्प माना जा रहा है और इस प्रदेश पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई है। बंगाल में इस बार बीजेपी ने 200 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है और वहीं ममता दीदी अपना किला बचाने के लिए ताबड़तोड़ रैलियां भी कर रही हैं। पश्चिम बंगाल में विधानसभा कि 294 सीटें हैं। 

केरल

केरल में माकपा की अगुवाई में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार है। 2016 के चुनाव में एलडीएफ को 91 सीटें हासिल हुई थी। यहां बहुमत का आंकड़ा 71 सीटों का है। जिसके बाद पिनराई विजयन राज्य के मुख्यमंत्री बने। वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट को 47 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। 

तमिलनाडु

इस वक्त प्रदेश में एआईएडीएमके की सरकार है। पिछले चुनाव में एआईएडीएमके को 136 सीटें मिली थी जो  कि बहुमत के आंकड़े 118 से 18 सीटें ज्यादा थी। वहीं डीएमके को 89 सीटें प्राप्त हुई थी। पलानीस्वामी वर्तमान में राज्य के मुख्यमंत्री हैं। 

असम

उत्तर पूर्व में पहली बार कमल खिला और 126 सीटों वाले असम में 60 सीटें जीतकर बीजेपी के सर्वानंद सोनोवाल राज्य के मुख्यमंत्री बने। कांग्रेस ने यहां 122 सीटों पर लड़ने के बाद केवल 26 सीटें जीतने में सफल हो पाई थी। बहुमत का आंकड़ा यहां 64 सीटों का है। 

 पुडुचेरी 

साल 2016 में केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में कांग्रेस पार्टी ने कुल 30 विधानसभा सीटों में से 21 सीटों पर चुनाव लड़कर 15 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं आॉल इंडिा एनआर कांग्रेस को 30 सीटों में से केवल आठ सीटें से संतोष करना पड़ा था। वहीं अन्य के खाते में सात सीटें आई थी। जिसके बाद 16 सीटों के बहुमत के आंकड़े को सहयोगियों के साथ लेकर कांग्रेस ने सरकार बनाई। नारायणसामी मुख्यमंत्री बने। लेकिन केंद्र शासित प्रदेश में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बाद चुनाव के ऐलान से ठीक पहले यहां राष्ट्रपति शासन लग गया। 

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