नगर निगम फगवाड़ा का मेयर पद पांच साल बाद भी खाली रह गया। मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर पद व डिप्टी मेयर पद हासिल करने को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच चल रही सियासी खींचतान के बीच शनिवार को इन पदों के लिए रखे गए चुनाव स्थगित हो गए हैं।
हालांकि नगर निगम के सभी नवनिर्वाचित पार्षदों को शपथ ग्रहण करवा दी गई है। जिला कांग्रेस के प्रधान व स्थानीय विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने शनिवार को मेयर पद के चुनाव ना करवा कर लोकतंत्र की हत्या की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस – बसपा गठबंधन के पास स्पष्ट बहुमत था और नगर निगम फगवाड़ा के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर पद पर कांग्रेस – बसपा गठबंधन का काबिज होना तय था लेकिन आप पार्टी की सरकार ने धक्केशाही कर चुनाव को स्थगित करवा दिया।
इससे पहले स्थानीय पीडब्ल्यूडी के रैस्ट हाउस के आडीटोरियम में नगर निगम के नवनिर्वाचित पार्षदों के शपथ ग्रहण तथा मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर बैठक आयोजित की गई थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद बैठक को लेकर पुलिस – प्रशासन की तरफ से पुख्ता इंतजाम किए गए थे। सुरक्षा की दृष्टि से रैस्ट हाउस के बाहर बैरीकेटिंग कर सभी रास्ते बंद किए गए थे और बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया था। यहां तक कि बैठक स्थल पर जाने वाले सभी पार्षदों की चैकिंग की गई और उन्हें मोबाइल फोन भी ले जाने की इजाजत नहीं दी गई।
वहीं बैठक स्थल पर सिर्फ और सिर्फ नवनिर्वाचित पार्षदों व अधिकारिक तौर पर योग्य लोगों को ही जाने दिया जा रहा था। बताया जाता है कि जालंधर के डिविजनल कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सबसे पहले नवनिर्वाचित पार्षदों को शपथ दिलाई गई। इसके पश्चात जब मेयर पद के चुनाव के लिए आप के पार्षद विपन सूद को परिजाईडिंग अफसर लगाया गया तो इस बीच बैठक में मौजूद आप के ही बाकी पार्षदों ने विपन सूद के विरुद्ध नारेबाजी कर हंगामा शुरू कर दिया जिससे डिविजनल कमिश्नर बैठक को स्थगित कर वहां से चले गए।
पूर्ण बहुमत का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी के मेयर पद के उम्मीदवार संजीव शर्मा बुग्गा ने आरोप लगाया कि बैठक में जिस तरह से घटनाक्रम घटा है और चुनाव को स्थगित किया गया है इससे स्पष्ट होता है कि आप पार्टी की सरकार के दबाव में यह सब ड्रामा रचा गया है जिसकी प्लानिंग पहले से ही निर्धारित थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक लेने आए अधिकारी ने किसी की कोई बात नहीं सुनी और उनकी पार्टी कांग्रेस के पास स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद भी उसे साबित करने का उन्हें मौका नहीं दिया गया, जबकि वे बार बार अधिकारी से कहते रहे, लेकिन वह बैठक स्थगित कर बिना कोई बात कहे चुपचाप बैठक स्थल से चले गए। इस बीच पूरे घटनाक्रम के बाद कांग्रेसी पार्षदों ने विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल के नेतृत्व में पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार पर संविधान की धज्जियाँ उड़ाने और लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगा जमकर रोष प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
फगवाड़ा को पांच साल बाद मिलने वाला मेयर एक बार फिर से अटक गया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी आज फगवाड़ा का मेयर चुना नहीं जा सका। 21 दिसंबर को फगवाड़ा नगर निगम के चुनाव लगभग पांच साल बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हुए थे और उसी दिन नतीजे भी घोषित हो गए थे जिसमें कांग्रेस 22 सीटें जीत कर सबसे बड़ा दल बना था।
लेकिन सत्ताधारी आम आदमी पार्टी केवल 12 सीटें जीत पाई थी। जोड़ तोड़ से अपना मेयर बनाने में लगी आम आदमी पार्टी लगातार मेयर पद के चुनाव में देरी करती रही तो कांग्रेस के वार्ड नंबर 50 से पार्षद बिक्रम सिंह ने हाई कोर्ट की शरण ली जिस पर सुनवाई करते हुए माननीय हाईकोर्ट ने प्रशासन को शनिवार को शाम चार बजे मेयर के स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने के आदेश दिए थे।
लेकिन आप का मेयर ना बनता देख एक बार फिर आम आदमी पार्टी ने कथित तौर पर ड्रामा रच कर मेयर पद का चुनाव स्थगित करवा दिया। इससे जहाँ कांग्रेस पार्टी के पार्षदों में रोष व्याप्त है वहीं स्थानीय विधायक एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष बलविंदर सिंह धालीवाल ने इसे हाईकोर्ट की अवमानना बताते हुए दोबारा हाईकोर्ट जाने की बात कही है।